नई दिल्ली। देश में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए गैर सरकारी संगठनों को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर मामला बताया है। देशभर में फैले लगभग 30 लाख एनजीओ को बड़ी समस्या बताते हुए अदालत ने कहा है कि इन आंकड़ों से संदेह पैदा होता है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि लाखों गैर सरकारी संगठन दुनियाभर से पैसा ले रहे हैं। अदालत ने पूछा...
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एंथ्रोपोसीन मतलब मानव युग -- बिभाष
वैज्ञानिकों के एक वर्ग का मत है कि आइस एज के बाद बारह हजार वर्षों का स्थिर जलवायु का दौर होलोसीन, जिसके दौरान मानव सभ्यताओं का विकास हुआ, अब समाप्त हो चुका है. इस दौर की समाप्ति का कारण है मानव जाति का धरती की जलवायु में जबरदस्त हस्तक्षेप. वैज्ञानिक नये दौर को एक नया नाम 'एंथ्रोपोसीन' देना चाहते हैं. द इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने तो वर्ष 2011 में ही...
More »लुप्त होती तटीय सुरक्षा पंक्ति--- रमेश कुमार दुबे
इस साल अच्छी मानसूनी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इस बाढ़ की वजह अच्छी बारिश उतनी नहीं है जितनी कि विकास की अंधी दौड़ में पानी के कुदरती निकासी तंत्र को भुला दिया जाना। शहरों का विकास नदियों के बाढ़ क्षेत्रों, तालाबों व समीपवर्ती कृषि भूमि की कीमत पर हो रहा है। शहरों के...
More »बराबरी के हक की पुरानी लड़ाई- एस श्रीनिवासन
तमिलनाडु में उत्सवी बयार बह उठी है, क्योंकि यह ‘आदि' का महीना है। तमिल कैलेंडर का चौथा महीना। इसकी शुरुआत जुलाई के मध्य महीने में हो जाती है। मान्यता है कि ‘दक्षिणया पुण्यकाल' आरंभ हो जाता है, यानी देवताओं के लिए रात की शुरुआत। यह महीना जल और प्रकृति से जुड़ी देवियों को समर्पित है। लिहाजा पूरे राज्य में अम्मा और देवी मंदिरों में पूजा-आराधना शुरू हो जाती है। कहा...
More »नदी के प्रवाह को बचाने के लिए-- विजय कुमार चौधरी
पिछले दिनों केंद्र सरकार के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवीकरण मंत्रालय द्वारा विभिन्न नदियों में गाद और कटाव की समस्या के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई। यह समिति गाद जमा होने और कटाव के कारणों का अध्ययन करेगी, और इनसे जुड़ी समस्याओं के निदान के सुझाव देगी। वैसे तो यह नदियों से जुड़ी आम समस्या है, पर यह समिति गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी का...
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