स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से मध्य प्रदेश एक पिछड़ा राज्य है. वहां प्रति 18,650 लोगों पर मात्र एक डॉक्टर उपलब्ध है. इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य में कई वर्षो तक सैकड़ों अयोग्य और अक्षम लोग पैसे और पैरवी के सहारे डॉक्टर की डिग्री हासिल करते रहे. बाद में राज्य की अन्य नौकरियों में भी घूस, हेराफेरी और अनियमितताएं बरती जाने लगीं. 2013 से इस घोटाले की परतें...
More »SEARCH RESULT
महंगी कोचिंग पर भारी गोरेलाल मास्टर का सरकारी स्कूल
शिवप्रताप सिंह जादौन, मुरैना। शहर से 30 किमी दूर नूराबाद के घने जंगलों में एक छोटा सा प्राइमरी स्कूल है। यहां पदस्थ हैं 51 वर्षीय गोरेलाल मास्टर। 25 साल पहले वे इस स्कूल में आए और उन्होंने जंगल के गांवों में रहने वाले गरीब व आदिवासी बच्चों की किस्मत बदल दी। उन्होंने बच्चों को नवोदय व सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी शुरू करवाई। अब तक दर्जनों बच्चे एक ही प्रयास...
More »छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में घरों में संचालित हो रहे स्कूल
मो.इमरान खान, नारायणपुर(ब्यूरो)। प्रदेश के सबसे संवेदनशील इलाके में शुमार नारायणपुर जिले की शिक्षा व्यवस्था आजादी के 67 वर्षों के बाद भी पटरी में नहीं आ पाई है। मंगलवार से शाला प्रवेशोत्सव सरकारी कोरम पूरा करते शुरू कर दिया गया है। बड़े-बड़े वादों एवं नारों के साथ स्कूलों के पट खोले जाते है लेकिन सत्र की समाप्ति तक इन पर अमल नहीं हो पा रहा है। स्कूली शिक्षा मंत्री केदार कश्यप...
More »जमीन में कोयला आकाश में कालिख
देश का नेतृत्व तेज आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है। इसके लिए कोयला उत्पादन दोगुना-तिगुना करने की जरूरत है। पर दुर्भाग्य से अगर ऐसा हुआ तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश बन जाएगा। डेविड रोज की रिपोर्ट वित्त वर्ष मार्च 2015 के अंत तक दुधिचुआ ने 15 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन किया, जो ब्रिटेन के कुल कोयला उत्पादन से भी अधिक है। दुधिचुआ सिंगरौली कोयला-क्षेत्र...
More »कछुआ चाल से चल रहा है समेकित बाल विकास कार्यक्रम
सुप्रीम कोर्ट के कई अंतरिम आदेशों के बावजूद सरकार समेकित बाल विकास कार्यक्रम को अभी तक सार्विक नहीं बना पायी है। इस बात का खुलासा चौदहवीं लोक लेखा समिति की रिपोर्ट(2014-15) से हुआ है। लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 लाख बसाहटों में आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित कर पाने का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का लक्ष्य निकट भविष्य में पूरा होता नहीं जान पड़ता। (देखें...
More »