SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 229

विस्थापन

खास बातें-     दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...

More »

अनाज भंडारण की गहराती समस्या

भारतीय खाद्य निगम अब अनाज को सड़ने से बचाने के लिए विदेशी कम्पनी मोर्गन स्टेनली की मदद लेने जा रहा है। मोटे तौर पर यह कम्पनी भारतीय खाद्य निगम को यह सिखाएगी कि अनाजों की खरीद, ढ़ुलाई और बफर स्टॉक की मात्रा तय करने से लेकर उसके रख-रखाव और वितरण की व्यवस्था को कैसे चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। पिछले कुछ सालों से अनाज के उचित भंडारण के अभाव में खुले...

More »

कारगर नीति जरूरी

केंद्रीय पूल में पंजाब के बाद सबसे अधिक योगदान देने वाले हरियाणा में अनाज भंडारण पर राज्य सरकार उतनी तत्परता नहीं दिखा रही, जितनी अपेक्षित है। कहने को तो निजी ठेकेदारों और भू-स्वामियों की मदद लेने की तैयारी की जा रही है परतु खुले में पड़ा 55 लाख टन गेहू युद्ध स्तर के प्रयासों की माग कर रहा है। भूमि अधिग्रहण नीति और खेल नीति ने हरियाणा को देश का सिरमौर बना...

More »

यह सिर्फ़ अनाज का सड़ना नहीं है- कृष्णप्रताप सिंह

1.लूट की आंधी-तूफ़ान की तरह आ रही खबरों ने सरकारी अनाज के गोदामों के बाहर सड़ने की खबरों से लोगों का ध्यान हटा दिया. 2.गैरजिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात करनेवाले कृषि मंत्री अब कह रहे हैं कि ज्यादा अनाज सड़ा ही नहीं. 3.जिस मात्रा को वे तुच्छ बता रहे हैं वह कुल भंडारित अनाज का कम से कम 15 प्रतिशत तो है ही. न्याय का सामान्य-सा नियम है कि एक अपराध को...

More »

दाने-दाने की राजनीति

इण्डिया और भारत के बीच की गहरी खाई में दो रोटियों के लिए स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को पकाने वाले की जाति पर गुस्सा आ जाए यह बात अपने आप में चौंकाने वाली है   अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए जिसमें इंसान को बस इंसान बनाया जाए 84 वर्षीय गीतकार गोपालदास नीरज ने अभी हाल में लखनऊ में अपने एक सम्मान समारोह में जब यह पक्तियाँ गाईं तो समूचा सभागार...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close