पटना। बिहार के पिछड़ेपन को बहुत हद तक मिटा देने के लिए काफी माने गए निजी निवेश के करीब 96,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव जमीन पर नहीं उतर पाए। मुख्य रूप से ऊर्जा एवं कृषि के क्षेत्र में आए इन प्रस्तावों को दो साल पूर्व ही राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की मंजूरी मिल चुकी है। पिछले साल दो चीनी मिलों में रिलायंस और एचपीसीएल के लगे 600 करोड़ रुपये के...
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निर्णायक कार्रवाई, निशाने पर आदिवासी!
नई दिल्ली [इरा झा]। नक्सलियों पर निर्णायक कार्रवाई को लेकर सरकार इस बार गंभीर नजर आ रही है, मगर उसकी तैयारी अब भी अधूरी ही दिखाई पड़ रही है। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के लगातार आ रहे बयानों से ऐसा लगता है कि अब कभी भी नक्सल पीड़ित सात राज्यों में उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस बीच ऐसे विज्ञापनों के दौर भी चल रहे हैं, जिनसे...
More »हजारों वर्गफुट में फैला मलबा बना चुनौती
कोरबा. बालको के निर्माणाधीन पॉवर प्लांट की चिमनी गिरने की यह अपने तरह की पहली घटना है। इस बड़ी औद्योगिक दुर्घटना में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की पोल भी खोलकर रख दी है। चिमनी गिरने के बाद संयंत्र परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मजदूर अपने साथियों को तलाशते हुए बदहवास थे। यह सही है कि हादसा बड़ा है मगर उसके बाद राहत और आपदा प्रबंधन ने जो व्यवस्था की जानी...
More »बर्दाश्त नहीं जुल्म ओ सितम
संजय सिंह, बांका। बिहार के मुंगेर व बांका जिले की सीमा पर बदुआ नदी के किनारे बसे गढ़ी मोहनपुर गांव की महिलाओं में गजब का उत्साह और जज्बा है। कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करने को वे हमेशा तैयार रहती हैं। चाहे अपराधियों का मुकाबला हो अथवा बाहरी तत्वों के अन्याय व जुल्म का। गांव की महिलाएं पूरे जोश-खरोश के साथ संघर्ष को तैयार रहती हैं। गांव के हरेक...
More »का बरसा जब कृषि सुखाने...
कहावत है कि का बरसा जब कृषि सुखाने और इस कहावत से सीख लेते हुए मानसून की पिछात बारिश में मारे खुशी के फूलकर कुप्पा होने से पहले यह सोचना जरुरी है कि आखिर नुकसान कितना हो चुका है। नुकसान हुआ है और भरपूर हुआ है। देश के खेतिहर इलाके के ६० फीसदी हिस्से पर, खासकर उत्तर-पश्चिमी हिस्से में, इस बार रबी की फसल नहीं काटी जा सकेगी और ये...
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