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दबाव और द्वंद्व में पिसते मासूम-- ज्योति सिडाना

आजकल युवाओं का अच्छी नौकरी और उच्च वेतन पाने से संबंधित अलग-अलग तरह के दबावों के कारण आत्महत्या करना कुछ-कुछ समझ में आता है, लेकिन स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों की आत्महत्याएं समझ से परे हैं, क्योंकि इनके कारण गैर-तार्किक ही नहीं, बल्कि अर्थहीन भी होते हैं। उन्हें अपनी हर समस्या का एक ही हल नजर आता है- आत्महत्या कर लेना। उपभोक्तावाद ने एक-दूसरे की समस्याएं समझने की शैली...

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संरक्षण विकास की गारंटी नहीं है-- आर सुकुमार

आजकल भारतीय मीडिया और सरकारी हलकों में एक समूह-गान चल रहा है कि भारतीय ऑनलाइन कंपनियों को उबर और अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियों से बचाने की जरूरत है। इन दिनों राष्ट्रवाद एक ऐसा जरिया बन गया है, जिसके सहारे आप किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं, लेकिन नई दिल्ली में बैठे नीति-नियंताओं ने दूरदर्शिता दिखाते हुए फिलहाल ऐसे किसी तर्क-वितर्क में उलझने से अपने को दूर रखा...

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‘आप’ को फिर जन-आंदोलन बनना होगा-- राजदीप सरदेसाई

जिस दिन टीवी पर दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर एग्ज़िट पोल के नतीजों में भाजपा की एकतरफा जीत का अनुमान व्यक्त किया जा रहा था, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता विद्रोही तेवरों में आसन्न हार के लिए ईवीएम को दोष दे रहे थे। मैंने पूछा कि आप एग्ज़िट पोल पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप कैसे लगा सकते हैं, क्योंकि वह तो मतदाताओं के सैंपल के आधार पर होता...

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महाराष्ट्र में देश का पहला 'किताबों वाला गांव' खुलेगा

मुंबई। महाराष्ट्र के सतारा जिले का भीलर गांव अपनी स्ट्राबेरी के लिए काफी मशहूर है। अब यह किताबों के कारण भी लोकप्रिय होने जा रहा है, क्योंकि इसे देश के पहले "किताबों वाला गांव" (पुस्तकांचं गांव) का तमगा मिलने वाला है।   यह अवधारणा ब्रिटेन के वेल्स शहर के हे-ऑन-वे से प्रभावित है। हे-ऑन-वे अपने पुस्तक भंडारों और साहित्य महोत्सवों के लिए जाना जाता है।   भीलर गांव प्राकृतिक रूप से खूबसूरत पंचगनी पहाड़ी...

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आधी आबादी के बिना कैसे पूरा हो विकास का सपना

गत महीने फेसबुक द्वारा किये एक सर्वे में यह बात सामने आयी कि भारत में हर पांच में से चार महिलाएं उद्यमी बनने की क्षमता रखती हैं, बशर्ते उनके सशक्तीकरण के प्रयास किये जायें. शोध के मुताबिक यदि अभी से शुरुआत की जाये, तो वर्तमान व्यवसाय और रोजगार के समस्त लक्ष्यों को सिर्फ 52 फीसदी महिलाओं के दम पर ही वर्ष 2021 तक ही पूरा किया जा सकता है. फिर...

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