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हम किसे गरीब माने-- अवधेश कुमार

हमारे-आपके लिए कौन गरीब है इसे अपने आसपास पहचानना कठिन नहीं है। लेकिन जब सरकार की ओर से गरीबों की औपचारिक पहचान की बात आती है तो समस्या बढ़ जाती है। वास्तव में भारत में कौन गरीब है इसके निर्धारण का प्रश्न एक जटिल पहेली की तरह हमारे सामने लंबे समय से खड़ा है। गरीबी तय करने को लेकर समय-समय पर कुछ मानक निर्धारित किए गए और उनके आधार पर...

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कचरे से जूझते हमारे शहर-- फिरोज वरुण गांधी

हमारे शहर संक्रामक रोगों के कब्जे में हैं। राजधानी दिल्ली तक इनसे नहीं बची है। डेंगू, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू, टायफायड, स्वाइन फ्लू जैसे तमाम रोग तेजी से फैल रहे हैं। मैं खुद पिछले दो वर्षों में चिकनगुनिया व स्वाइन फ्लू का शिकार बन चुका हूं। इन बीमारियों का फैलना कोई नई प्रवृत्ति भी नहीं है। 23 सितंबर, 1994 का दिन याद कीजिए। उस दिन सूरत के कई हिस्सों में न्यूमोनिक प्लेग...

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जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह

ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...

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क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्स?-- सलमान रावी

मंगलवार को ग्लोबल हंगर इंडेक्स, 2016 की रैंकिंग जारी हुई है, इस रैंकिंग के मुताबिक भारत में स्थिति काफ़ी गंभीर है, लेकिन क्या है ये ग्लोबल हंगर इंडेक्स? क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्स? अलग-अलग देशों में लोगों को खाने की चीज़ें कैसी और कितनी मिलती हैं यह उसे दिखाने का साधन है. 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' का सूचकांक हर साल ताज़ा आंकड़ों के साथ जारी किया जाता है. इस सूचकांक के ज़रिए विश्व...

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दुनिया की 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस ले रही

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया की 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर है। यानी विश्व में हर 10 में से 9 लोग प्रदूषित वायु में रह रहा है। इसके मुताबिक, हर साल करीब 60 लाख लोगों की मौत प्रदूषित हवा के कारण हो रही है। अगर जल्द ही इसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हालात...

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