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समाज और राजनीति के रिश्तों का संधान- अभय कुमार दुबे

राजनीतिशास्त्र के सर्वश्रेष्ठ विद्वान रजनी कोठारी के जीवन और कृतित्व के बारे में जाने बिना भारतीय राजनीति और समाज के आपसी रिश्तों के बारे जानना नामुमकिन है. इस लिहाज से उनका विमर्श भारतीय राजनीति की एक पूरी किताब की तरह है, जिसे पढ़ना हर समझदार व्यक्ति के लिए अनिवार्य है. 1969 में प्रकाशित अपनी सबसे मशहूर रचना ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया' में उन्होंने दावा किया था कि भारतीय समाज के संदर्भ...

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निर्माण सामाग्री का टोटा, मनरेगा के काम रूके

कोरबा (निप्र)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत काम करने वाले श्रमिकों का लंबित भुगतान तो दिया जा रहा, पर निर्माण कार्य के लिए खरीदे गए सामाग्रियों का 1 करोड़ 95 लाख का भुगतान अभी भी शेष है। शासन से राशि भेजी गई है। अब व्यवसायी निर्माण कार्य के लिए सामाग्री देने से परहेज कर रहे हैं। पंचायतों में कई निर्माण कार्य अधर में लटके हुए हैं। निर्वाचन आयोग...

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नौकरशाहों से मुक्त हो नया आयोग- भरत झुनझुनवाला

प्रभात खबर(लेख)नये योजना आयोग में ऐसे लोगों की नियुक्ति हो, जिनकी पहचान स्वतंत्र हो, ताकि सरकार का दखल न हो. ऐसे स्वतंत्र आयोग की देश को नितांत जरूरत है. सरकारी नौकरों के एक और समूह को योजना आयोग का जामा पहनाने से काम नहीं चलेगा. हाल में संपन्न हुए मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सहमति बनी कि योजना आयोग द्वारा राज्यों के वार्षिक प्लान को स्वीकार करने की व्यवस्था को समाप्त कर...

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प्लेटों के आने की आवाज तो आ रही है, खाना नहीं आ रहा : अरुण शौरी

अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे प्रख्यात पत्रकार अरुण शौरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम काज पर सवाल उठाया है. ‘इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में उन्होंने बड़ी बेबाकी से प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली, योजना आयोग, संस्कृत भाषा के मुद्दे और केंद्र में राजनीतिक नियुक्तियों पर कटाक्ष टिप्पणियां की हैं. उनकी इस टिप्पणी से नरेंद्र मोदी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में कुछ खास नहीं होने...

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झारखंड में विकास की राशि भी खर्च नहीं होती- मनोज प्रसाद

प्रभात खबर,राज्य गठन के बाद से ही यहां विकास कार्य के लिए मिली राशि की चौथाई भी सरकारी महकमे खर्च नहीं कर पा रहे. सरकारी अफसरों की अकर्मण्यता से हर साल करोड़ों रुपये लैप्स कर जाते हैं. राज्य की जनता को उनके हक से वंचित कर दिया जाता है, जबकि इसी काम के लिए लाखों रुपये का वेतन सरकारी अधिकारी उठाते हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहा है....

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