सूखे का संकट रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये न उबरे, मोती मानुष चून॥ हिमांशु ठक्कर वर्षों पूर्व रहीम की वाणी ने जिस संकट के प्रति आगाह किया था, वह आज फिर यथार्थ के रूप में हमारे सामने है. कुछ माह पहले तक सूखे का जो संकट मराठवाड़ा और बुंदेलखंड जैसे कुछ इलाकों तक सीमित था, वह अब देश के दस से ज्यादा राज्यों में फैल चुका है. सूखे और...
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जल संकट के कारण घटा बिजली उत्पादन
नई दिल्ली। औसत से कम बारिश और ज्यादा गर्मी के कारण पानी की कमी का असर न केवल खेती-बाड़ी और आम जन-जीवन पर हो रहा है, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आ सकती है। मसलन, इसकी वजह से बिजली उत्पादन घटने लगा है। पानी की कमी के कारण कई थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए हैं और कई बंदी की कगार पर हैं। दूसरी तरफ पन बिजली परियोजनाओं पर भी...
More »पेयजल संकट का हल खोजेगी सरकार
शिमला, 7 अप्रैल (निस) हिमाचल प्रदेश की राजधानी एवं पर्यटन नगरी शिमला में पेयजल संकट ने प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार को चिंता में डाल दिया है। शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाले अधिकांश पेयजल स्रोतों के दूषित हो जाने और इनका पानी पीने योग्य न रहने के चलते अब सरकार को शिमला शहर के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। इसी के चलते मुख्यमंत्री...
More »सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष
महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
More »फ्लोराइड युक्त पानी से मप्र को अब मिलेगी मुक्ति
अरविंद पांडेय। नईदिल्ली। फ्लोराइड युक्त जहरीले पानी के संकट से जूझ रहे मध्यप्रदेश को अब जल्द ही इससे मुक्ति मिलेगी। केंद्र ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मुहिम छेडी है। जिसमें मप्र को भी शामिल किया है। अभियान के पहले चरण में देश के फ्लोराइड प्रभावित उन क्षेत्रों को साफ पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा, जहां अभी लोग इसे पीने के लिए मजबूर है। इनमें राज्यों की...
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