हिमालय के पिघलते ग्लेशियर को लेकर अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणवादियों और भारत सरकार के बीच लगातार विवाद बना रहता है।भारत सरकार मानती है कि पर्यावरणवादी हिमालयी ग्लेशियर के पिघलने की बात को बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं।हाल ही में आई एक नई रिपोर्ट से भारत सरकार और पर्यावरणवादियों की बहस पर विराम लगने की संभावना है क्योंकि इस रिपोर्ट में हिमालयी ग्लेशियरों के पिघलने की दर की माप-जोख की गई है।(देखें नीचे दी गई लिंक) हिमालय के ग्लेशियर वैश्विक...
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नवंबर में भी चल रहे पंखे
हिसार. मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। नवंबर माह शुरू होने के बाद भी घरों व दफ्तारों में पंखे चल रहे हैं। शहर में न्यूनतम तापमान सामान्य से चार-पांच डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। इस वक्त रात को व सुबह जितनी ठंड होनी चाहिए, ठंडक उससे काफी कम है। मंगलवार को भी मौसम में अचानक बदलाव आ गया और आसमान में बादल छा गए। लोगों को आशंका हो गई कि...
More »कोसी के बाढ़-पीड़ितों के लिए दिल्ली में साईकिल रैली
बिहार बाढ़ विभीषिका समिति और दिल्ली यंग आर्टिस्ट फोरम कोसी नदी की बाढ़ से होने वाली सालाना तबाही पर जनजागरण के लिए १७ से २४ नवंबर के बीत भगत सिंह पार्क से संसद भवन तक एक साईकिल रैली का आयोजन कर रहा है। साईकिल रैली से दिल्ली के तमाम इलाकों के भ्रमण की योजना बनायी गई है। साल २००८ में कोसी नदी में आई बाढ़ में सैकड़ों लोगों की जान...
More »का बरसा जब कृषि सुखाने...
कहावत है कि का बरसा जब कृषि सुखाने और इस कहावत से सीख लेते हुए मानसून की पिछात बारिश में मारे खुशी के फूलकर कुप्पा होने से पहले यह सोचना जरुरी है कि आखिर नुकसान कितना हो चुका है। नुकसान हुआ है और भरपूर हुआ है। देश के खेतिहर इलाके के ६० फीसदी हिस्से पर, खासकर उत्तर-पश्चिमी हिस्से में, इस बार रबी की फसल नहीं काटी जा सकेगी और ये...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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