तीन दशक से भी पहले मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला संबंधी परीक्षा आयोजित करने के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) की स्थापना की गई थी। वह विचार बुरा नहीं था। आम तौर पर इस तरह के चयन से पारदर्शिता और निष्पक्षता को ही बढ़ावा मिलता है। हालांकि इसका एहसास नहीं था कि सरकारी क्षेत्र के एक संगठन में रोजगार देने की इतनी शक्ति...
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हम जाति का ज़हर फिर क्यों पिएं?- वेद प्रताप वैदिक
मुझे आश्चर्य है कि भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल ने ऐसा राष्ट्र-विरोधी निर्णय कैसे कर लिया? जातीय जनगणना को कांग्रेस सरकार ने अधबीच में बंद कर दिया था, लेकिन इस गणना के जो भी अधकचरे आंकड़े इकट्ठे हुए हैं, सरकार उन्हें प्रकट करने के लिए तैयार हो गई है। वह इन्हें अगले साल तक प्रकाशित करेगी। तब तक राज्य-सरकारों की रपट भी उसके पास आ जाएगी और जो आंकड़े उसके पास...
More »गांवों की अनदेखी से विकास असंभव- उमेश चतुर्वेदी
उदारवादी अर्थव्यवस्था के इस दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था यदि खेती-किसानी और उसके जरिये जीने वाले गांवों पर टिकी हुई है, तो मान लेना होगा कि हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयता की परंपरा अब भी बनी हुई है। आर्थिक नीतियों की कामयाबी और नाकामी का पैमाना अब अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडी की रिपोर्टों और उनके आकलन के आधार पर तय होता है। हाल ही में मूडी...
More »ऑर्गेनिक खेती का पर्यावरण पर बुरा असर
वाशिंगटन। भोजन की मांग को पूरा करने के लिए शुरू की गई ऑर्गेनिक खेती का पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार एक समय खाद्यान्न के "स्थायी हल" के तौर पर शुरू की गई ऑर्गेनिक खेती पृथ्वी के जलवायु के लिए खतरनाक साबित हो रही है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि इससे ग्रीनहाउस गैसों में कटौती होने की बजाय उनमें वृद्धि हो रही है। इस अध्ययन...
More »जातियों की गिनती जारी करेगी मोदी सरकार!
राजनीतिक विवादों के बीच केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने को राजी हो गई है। मगर आंकड़े सार्वजनिक होने की समय सीमा को लेकर संशय अब भी बरकरार है। इस मामले पर सरकार ने स्पष्ट कहा है कि राज्यों से रिपोर्ट आने के बाद ही इसे एकत्रित कर सार्वजनिक किया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें राज्यों से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार है। केंद्र सरकार...
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