खाद्य सुरक्षा विधेयक का विरोध दो कारणों से हो रहा है. एक राजनीतिक और दूसरा कॉरपोरेट घरानों या उनके समर्थक अर्थशास्त्रियों की ओर से. उनका कहना है कि खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होगा. इससे घाटा बढ़ेगा इसलिए इसकी कोई ज़रूरत नहीं है. खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रु पए ख़र्च होने पर एतराज़ जताया जा रहा है....
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रत्नों के धंधेबाजों का भांडा फोड़ने वाले थे नरेन्द्र दाभोलकर
पुणे। अपनी हत्या के पहले सामाजिक आंदोलनकारी नरेंद्र दाभोलकर ने एक और भंडाफोड़ू मुहिम की योजना बनाई थी। वे नामनिहाद ज्योतिषियों के रत्नों और ‘पत्थरों’ के जबरदस्त कारोबार के खिलाफ अभियान छेड़ना चाहते थे, ताकि लोगों को इनकी असलियत का पता चल सके। पुलिस को शक है कि इस गोरखधंधे से जुड़े लोग भी वारदात में शामिल हो सकते हैं। गुरुवार को उनकी संस्था महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (मानस) के पुणे...
More »रेत और रोड़ा- अतुल चौरसिया
उत्तर प्रदेश में आइएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के खिलाफ कार्रवाई एक तीर से दो शिकार करने की कवायद है. इसका पहला मकसद है अवैध रेत खनन का कारोबार बचाना और दूसरा, सियासी फायदे के लिए धार्मिक भावनाएं भुनाना. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. 28 जुलाई से पहले कादलपुर और दुर्गा शक्ति नागपाल का नाम देश-प्रदेश तो क्या गौतमबुद्ध नगर जिले के भी ज्यादातर लोगों ने नहीं सुना था. गांवों के लिए आप जो...
More »पत्रकारिता का लाइसेंस क्यों?- उर्मिलेश
जनसत्ता 22 अगस्त, 2013 : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू काफी दिनों से पत्रकारिता की तुलना वकालत और डॉक्टरी आदि जैसे पेशों से करते आ रहे हैं।उनका तर्क है कि अन्य सभी पेशों के लिए कुछ न कुछ योग्यता तय है। पर पत्रकार कोई भी बन जाता है! पांच-छह महीने पहले उनके इस आशय के बयानों पर काफी विवाद हुआ तो विस्तृत रिपोर्ट और सुझाव देने के लिए उन्होंने...
More »कर्ज डकारने वालों पर कानून बेअसर
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। फंसे कर्ज को लेकर बैंकों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। आर्थिक मंदी की वजह से आने वाले दिनों में फंसे कर्ज यानी नॉन परफॉर्मिग असेट्स [एनपीए] के बढ़ने की आशंका बढ़ी है। वहीं, फंसे कर्जे को वसूलने की मौजूदा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होती दिख रही है। ऋण वसूली प्राधिकरण, लोक अदालतों व अन्य तरीके से बैंक पिछले वित्त वर्ष 2012-13 में कुल फंसे कर्जे...
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