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खदान आवंटन में 'पहले आओ पहले पाओ' को झटका

धनंजय प्रताप सिंह ,भोपाल । केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने खदान आवंटन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से नियमों में भारी फेरबदल किया है। राज्य सरकारें अब अपनों को उपकृत करने के लिए नियमों में हेराफेरी नहीं कर पाएगी। केंद्र ने माइनर मिनरल रेगुलेशन एण्ड डेवलपमेंट एक्ट 1957(एमएमआरडी) में बदलाव करते हुए 'पहले आओ पहले पाओ" की नीति को बदला है। नई नीति के तहत अब सिर्फ राजपत्र में नोटिफाइड...

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राधा मोहन ने कृषि वैज्ञानिकों से एक गांव गोद लेने को कहा

लखनऊ : केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की विभिन्न शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों से एक-एक गांव गोद लेकर उनके निरन्तर सम्पर्क में रहने की अपील की है ताकि शोध संस्थानों का ज्ञान उन तक पहुंच सके सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय गन्ना शोध संस्थान में लखनउ एवं आस-पास स्थित कृषि मंत्रालय के विभिन्न शोध संस्थानों तथा कृषि विज्ञान केंद्रों के पदाधिकारियों और वैज्ञानिकों को...

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विचारधारा के भंवर में - एम के वेणु

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सुधार के अर्थों को पुनर्परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। सीआईआई और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में भारतीय और वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अरुण जेटली ने सलाह दी कि भारत जटिल सामाजिक-आर्थिक संरचना वाला एक विकासशील समाज है, इसलिए उद्यमी समुदाय को 'बिग-बैंग' सुधारों और कुछ सनसनीखेज विचारों के क्रियान्वयन की उम्मीद नहीं करनी...

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परमाणु ऊर्जा के विकल्पों पर निगाहः पीयूष गोयल

नई दिल्ली। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि सरकार परमाणु ऊर्जा के सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। यह सतर्कता भी बरती जा रही है कि पश्चिमी देशो में त्यागी जा चुकी टेक्नोलॉजी थोपी न जाए। गोयल ने भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परमाणु बिजलीघरों की दुर्घटना में आपूर्तिकर्ता के नागरिक दायित्व से संबंधित मसले सुलझाने का प्रयास किया जा रहा...

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गंगा योजना बनाम विकास नीति - कृष्णदत्त पालीवाल

महाकवि कालिदास की एक प्रसिद्ध उक्ति ध्यान में आती रहती है कि संदेह के अवसरों पर अंत:करण की आवाज को प्रमाण मानना चाहिए। ठीक बात है। लेकिन आत्म-बोध, ज्ञान-बोध दोनों के बीच संदेह झूल रहा है। यह संदेह संस्कृति रूपी चित्त की खेती को बर्बाद करने का जाल बिछा रहा है। विश्वास का अंत कर रहा है और संशय का हुदहुद सभी को ढहाए दे रहा है। भारतीय जन-मानस की...

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