-रूरल वॉइस, रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी), डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और यूरिया समेत तमाम उर्वरकों और इनके कच्चे माल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है। एशियाई देशों के लिए एमओपी की अप्रैल लोडिंग कीमत 670 से 700 डॉलर प्रति टन जबकि अमेरिका में कीमतें 677 से 685 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई हैं। उर्वरकों के मामले में, और खासतौर से...
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बजट 2022-23: क्या सार्वजनिक निवेश पर आधारित विकास रणनीति वांछनीय और विश्वसनीय है?
-आइडियाज फॉर इंडिया, सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की इच्छा रखते हुए वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस संदर्भ में, आर. नागराज भारत के वर्तमान नीति अभिविन्यास और उद्योग एवं बुनियादी अवसरंचना में हाल में किये गए निवेश के परिणामों की जांच करते हैं। वे तर्क देते हैं कि उद्योग पर...
More »पंजाब के दलित: चुनाव में दिखे जरूर, मगर असल मुद्दे गायब रहे
-गांव सवेरा, पंजाब विधानसभा चुनाव में भाग ले रहे मुख्य राजनीतिक दल प्रचारात्मक तौर पर दलितों को चुनाव में इस बार अधिक हिस्सेदारी की इश्तेहारी कर रहे हैं. शुरूआत पिछले साल भाजपा ने यह घोषणा कर की थी कि अगर वह जीतते हैं तो वे एक दलित मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री बनाएंगे. कांग्रेस ने आचार संहिता लगने से ठीक 111 दिन पहले दलित समुदाय के राजनेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना...
More »महंगाई "वास्तविक" है और इसका समाधान भी वास्तविक होना चाहिए
-न्यूजक्लिक, महंगाई और इससे निपटने के तरीके लोगों को असल में प्रभावित करते हैं। यह महज़ कोई आंकड़ा नहीं है, जिसे हम विशेषज्ञों की बातचीत में टीवी पर देखते हैं। बल्कि यह तय करता है कि कैसे असली संसाधन हमारे समाज में वितरित हो रहे हैं। कैसे उन तक अलग-अलग वर्ग समूहों की पहुंच सुनिश्चित हो रही है। सामान्य आदमी की इसमें कोई भागेदारी नहीं होती कि सरकार कैसे मुद्रास्फीति (महंगाई)...
More »गोरखपुर: कोविड के समय हुईं 40 से अधिक मौतें चुनाव ड्यूटी से जुड़ी हैं, लेकिन क्या महामारी एक चुनावी मुद्दा है?
-न्यूजलॉन्ड्री, 15 अप्रैल 2021 को उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों के दौरान तमाम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ. जिसके चलते राज्य में 700 से अधिक शिक्षाकर्मियों ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवा दी. अकेले गोरखपुर में 40 से अधिक शिक्षाकर्मियों की मौत हो गई. उनके परिवार अब तक मुआवजे और नौकरी को लेकर परेशान हैं. "हम किस सरकार के लिए वोट दें, जिसने हमे विधवा बना दिया?" 39 वर्षीय...
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