पार्वती देवी की बात सुनकर कोई भी सन्न रह जाएगा। वह कहती है, “मनरेगा की वजह से मेरे पति की जान चली गई।” पार्वती देवी दत्ता मघादे की विधवा है। उम्र 45 साल है। गरीबी में डूबी है। इसके बावजूद आगे कहती है, “मैं जिंदगी में दोबारा मनरेगा मजदूरी नहीं करुंगी।” पार्वती देवी जो बता रही है, उससे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की हकीकत बेपर्दा होती है। हालांकि,...
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महिला व बाल तस्करी रोकने की सरकार की नयी पहल
कोलकाता: राज्य महिला व शिशु विकास विभाग यहां के ग्रामीण इलाकों से लड़कियों व बच्चों की तस्करी पर नियंत्रण पाने के लिए नागरिक पुलिस (सिविक पुलिस) की सहायता लेगा. विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में 3500 नागरिक पुलिस की नियुक्त की है, जिन्हें ग्राम पंचायतों में तैनात किया गया है. लड़कियों व बच्चों की तस्करी रोकने के लिए हम लोग इनसे जानकारी इकट्ठा करेंगे. चूंकि नागरिक...
More »त्वरित और सस्ता न्याय पाने की सुविधा
मित्रों, अदालत, मुकदमा और पुलिस को लेकर अनेक कहावतें और लोकोक्तियां प्रचलित हैं. इन सभी कहवतों और लोकोक्तियों में इन्हें तबाही और परेशानी का सबब बताया गया है, जबकि अगर पुलिस, अदालतें और मुकदमे दायर करने के जनता को अधिकार न हों, तो समाज में अराजकता अपनी पराकाष्ठा पर होगी. हम सुरक्षित नहीं रह सकते. हमारे मानवीय अधिकारों की रक्षा नहीं हो सकती. हर कोई अपनी ताकत और धन की बदौलत...
More »खुद बनायें गांवों की खुशहाली की योजना
पिछले महीने भारत सरकार ने पंचायतों के लिए निर्देश जारी किया है कि वे जनवरी और फरवरी महीने के दरम्यान अपने गांवों में आर्थिक कल्याण के मसले पर एक ग्राम सभा जरूर करें. इस निर्देश में जिक्र है कि इस मौके पर कृषि, पशुपालन, मनरेगा, आजीविका मिशन, बागवानी, मत्स्य पालन, बीआरजीएफ, जलछाजन, मृदा संरक्षण, सिंचाई, विद्युतीकरण, हथकरघा, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंसकरण, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम आदि के अधिकारी ग्राम सभा में जरूर...
More »लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा
गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...
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