भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने घोषणा कर दी कि चार सितंबर के बाद वे अपना पद छोड़ देंगे। उनके एलान से विदेशी निवेशक चिंतित हैं, उद्योग जगत में निराशा है और शेयर बाजार में घबराहट। राजन का कार्यकाल न बढ़े, इसके लिए कुछ लोगों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। देश का केंद्रीय बैंक (आरबीआइ) ही मौद्रिक नीति निर्धारित करता है और फिर उसके माध्यम से...
More »SEARCH RESULT
ऊंची विकास दर के शहसवार - सुषमा रामचंद्रन
यकीनन यह बेहद खुशी की बात है कि भारत आज दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाला देश बन गया है। हाल ही में जारी किए गए नवीनतम अधिकृत डाटा के अनुसार वित्त-वर्ष 2015-16 में भारत की विकास दर 7.6 प्रतिशत थी। यह चीन की 6.7 प्रतिशत विकास दर से बहुत आगे है। इतना ही नहीं, वित्त-वर्ष की पिछली तिमाही में तो 7.9 प्रतिशत से भी अधिक की विकास दर...
More »बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
More »तकनीकी शिक्षा की गिरती साख-- रोहित कौशिक
पूरे देश में कुकुरमुत्तों की तरह उगे निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों मे तकनीकी शिक्षा का बुरा हाल है। हाल ही में एक जांच में उत्तर प्रदेश के 608 इंजीनियिरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में लगभग बीस हजार शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में लगभग इकतालीस हजार शिक्षण नियुक्त हैं। एक जांच में पता चला कि इनमें से लगभग बीस हजार...
More »बने रोजगारपरक कर-प्रणाली--भरत झुनझुनवाला
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने चेतावनी दी है कि आनेवाले समय में भारत में बेरोजगारी की समस्या गहराती जायेगी. पिछले दो दशक में भारत में तीव्र आर्थिक विकास हुआ था. इस अवधि में 30 करोड़ युवाओं ने प्रवेश किया. तीव्र विकास के बावजूद इनमें आधों को ही रोजगार मिल सका है. ये सीमित रोजगार भी मुख्यतः असंगठित क्षेत्र में मिले, जैसे रिक्शा चलाने में अथवा कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में. ऐसे...
More »