नई दिल्ली [माला दीक्षित]। भिखारियों की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने की जरूरत है ताकि सभी जगह समान कानून हो और भिखारी एक राज्य में सख्ती होने से दूसरे राज्य न भाग सकें। यह बात दिल्ली सरकार ने भिखारियों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने ताजा हलफनामे में कही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने कहा है कि दिल्ली में 95 फीसदी भिखारी...
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देश नहीं भगवान को प्यारे
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस से हज़ारों बच्चों का मरना और विकलांग होना जारी है. इससे बचने के उपाय हैं तो मगर दो सरकारों के झगड़ों और लालफीताशाही में उलझकर रह गए हैं जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट बच्चों की मौत बिना नागा जारी है. वे विकलांग भी हो रहे है. 2-4-6-8 साल के नन्हे-मुन्ने और मुन्नियां. कुछ दुधमुंहे भी हैं. रोने क्या कुनमुनाने तक से लाचार. एक-दो नहीं सैकड़ों-हजारों मासूम....
More »सूबे में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाएं रामभरोसे
पटना बिहार के गांव-गिरांव में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान के ही भरोसे हैं। गांवों को एक समान स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। गौर करें तो 15.74 प्रतिशत गांवों में ही चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध है। गया, जमुई और बांका जैसे जिलों की स्थिति ज्यादा खराब है, यहां 7 से 10 प्रतिशत गांवों में ही इलाज की व्यवस्था है। योजना विभाग द्वारा जारी 'योजना एटलस' में यह तथ्य उजागर हुए हैं। सुपौल,...
More »सड़ रहा है किसानों का गेंहू
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। मेरे देश की धरती सोना उगले..। किसानों ने तो खून-पसीना एक कर सोना यानी गेहूं उपजाया और सरकार के हवाले कर दिया। लेकिन अब सरकार है कि इस सोने को सहेज नहीं पा रही है। हजारों-लाखों टन गेहूं भंडारण के अभाव में जहां-तहां खुले में पड़ा है। बारिश-बाढ़ की चपेट में आकर सड़ रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति हरियाणा में हैं। हरियाणा में...
More »40 धड़कनें थम गई पर नहीं धड़की मिल
भागलपुर [आशीष]। साल-दर-साल भूख और बदहाली का दंश झेल रहे बिहार स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के मुरझाए चेहरों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिल को दोबारा खोलने की घोषणा भी मुस्कान नहीं लौटा सकी। सपनों को पल-पल टूटते हुए देखने वाले ये मिल कर्मचारी अब भगवान से मौत की मुराद मांग रहे हैं। मौत के लिए मनुहार करने वाले कर्मचारियों का तर्क है कि रोज-रोज मरने से अच्छा...
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