साल 2017 समाप्ति पर है, लेकिन नई सदी के उपजाए सरदर्द घट नहीं रहे। पाकिस्तान में हर दो-तीन महीनों के भीतर कट्टरपंथी गुट उदारवादी लोकतांत्रिक मूल्यों को मानव बम से उड़ा रहे हैं। म्यांमार में बौद्ध बहुसंख्य जनता द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन भेड़-बकरियों की तरह देश से बाहर हांक दिया गया है और वे हर पड़ोसी देश की सीमा पर बेघर बने डांय-डांय डोल रहे हैं। पहले से ही...
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दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं, सहयोग चाहिए-- पीयूष द्विवेदी
दिव्यांगजनों की हमारे समाज में क्या स्थिति है तथा उनके प्रति समाज की क्या मानसिकता है? दरअसल, न केवल भारत में बल्कि समूची दुनिया में एक समय तक दिव्यांगता को सिर्फ चिकित्सा संबंधी समस्या समझा जाता था, लेकिन समय के साथ सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंस आदि दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा जिस तरह से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के नए सोपान गढ़े गए, उन्होंने समाज की मानसिकता को बदलने का...
More »प्रदूषण से मुक्ति की खातिर--- विवेक कुमार बडोला
कुछ दिन पहले पूर्वोत्तर भारत तथा दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश विषैली धुंध की घनी परत से ढंके हुए थे। दस-पंद्रह दिनों तक काले वायुमंडल ने लोगों के भीतर विचित्र भय पैदा कर दिया था। लेकिन अब दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित धुंध से सने क्षेत्र कुछ-कुछ साफ क्या हुए कि प्रदूषण से ध्यान हट गया है। ऐसी आपात स्थिति से अल्पकालिक छुटकारा...
More »बदलते मौसम का भारतीय भूगोल--- अखिलेश गुप्ता
जलवायु परिवर्तन अब एक आम चर्चा का विषय बन गया है। इस मसले पर बने संयुक्त राष्ट्र के अन्तर-सरकारी पैनल पांचवीं मूल्यांकन रिपोर्ट में पूरे विस्तार से यह बताया गया है कि किस तरह यह मानवीय क्रियाकलापों का ही नतीजा है। भारत में भी पिछले 100 वर्षों में पृथ्वी की सतह का तापमान लगभग 0.80 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। किसी क्षेत्र में यह तापमान ज्यादा बढ़ा है, तो किसी में...
More »बुनियादी ढांचा सुधरने से थमेंगी कीमतें-- रमेश कुमार दुबे
बंपर उत्पादन और तमाम सरकारी उपायों के बावजूद महंगाई दर में बढ़ोतरी से साबित होता है कि वितरण के मोर्चे पर अभी बहुत कुछ करना है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में मोदी सरकार ने ग्रामीण सड़कों, सिंचाई, फसल बीमा और बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में अहम सुधार किया है लेकिन भंडारण-विपणन ढांचे में सुधार अभी भी दूर की कौड़ी बना हुआ है। यही कारण है कि कुछ महीने पहले तक...
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