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नोबेल शांति पुरस्कार का पैगाम - सत्‍येंद्र रंजन

भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के संयुक्त रूप से नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर बेशक दोनों देशों के वंचित समूहों के बच्चों और उनके अधिकारों पर नए सिरे से रोशनी पड़ेगी। सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन" ने इस कड़वी हकीकत से देश को परिचित कराए रखा है कि बंधुआ मजदूरी को अपराध बनाने, बाल मजदूरी को गैरकानूनी ठहराने और प्राथमिक शिक्षा को मूल अधिकार...

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बे-कायदा क्यों हों कैदखाने? - गोपालकृष्‍ण गांधी

अदालती फैसलों की कानूनी वजहें होती हैं। अदालतें बहुत सोच-समझकर, ध्यान से, अपने नतीजों पर आती हैं। उन्हें हमें बाइज्जत कुबूल करना चाहिए। उन पर अगर हमें कुछ कहना हो तो वह बहुत समझ-बूझकर, ध्यान से ही कहना चाहिए। वैसा ही इस छोटे-से रिसाले में करना चाहूंगा। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता-जी के 'केस" पर मैं कुछ नहीं कह सकता। अव्वल, मैं उस मामले की तफसीली अंतर्वस्तुओं से वाकिफ ही नहीं। अच्छा ही है!...

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मद्रास कोर्ट ने लड़कियों की विवाह की आयु बढाने का प्रस्ताव दिया

मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय ने लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाने का आज प्रस्ताव किया. अदालत ने यह प्रस्ताव उन घटनाओं पर रोक लगाने के एक समाधान के रुप में दिया जिसमें युवा आयु में विवाह करने वाली सैकडों लड़कियां कुछ वर्ष बाद अपने पति से अलग हो जाती हैं. न्यायमूर्ति मणिकुमार और न्यायमूर्ति वी एस रवि की खंडपीठ ने कहा, पुरुष के लिए...

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मनरेगा में बदलाव से बढ़ेगी गरीबी- संतोष कुमार सिंह

नयी दिल्ली : देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ताओं, अर्थशात्रियों ने ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा में फेरबदल के प्रयासों की आलोचना की है. विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय मनरेगा के मौजूदा प्रावधानों में फेरबदल करना चाहता है. सूचना के अधिकार कानून के जरिये हुए एक खुलासे में कहा गया है कि इस फेरबदल से पांच करोड़ घर प्रभावित होंगे. उपरोक्त बातें पीपुल एक्शन फॉर इम्प्लॉयमेंट गारंटी नामक...

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कैसे पूरा होगा स्वच्छ भारत का सपना- पत्रलेखा चटर्जी

जिस देश में मोबाइल फोन की संख्या निजी टॉयलेट से कहीं अधिक है, वहां स्वच्छ भारत अभियान की सफलता की रातोंरात अपेक्षा नहीं की जा सकती। लोगों की सहभागिता के बगैर इसमें कामयाबी की उम्मीद करना बेमानी होगा, और यह संवाद के जरिये ही मुमकिन है। एक मित्र की टिप्पणी थी कि अगर कोई झाड़ू कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होती, तो इन दिनों इसके शेयर आसमान छू रहे होते। महात्मा...

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