विकट कृषि संकट के चलते किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस समस्या पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसानों के लिए किसी भी तरह के सुरक्षा तंत्र की रूपरेखा उनकी जरूरतों और समस्याओं की समझ पर आधारित होनी चाहिए। ऐसे किसी तंत्र के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करना जरूरी है। इसमें से पहला यह कि छोटी जोत की खेती के लिए बड़े पैमाने पर...
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झारखंड- राज्य भर में 27 लाख एकड़ है सरकारी भूमि
रांची: झारखंड में 27 लाख एकड़ से अधिक सरकारी भूमि है. राज्य भर में सरकारी भूमि का कुल रकबा 37 लाख एकड़ से अधिक है. इनमें से बंदोबस्त की गयी भूमि 16 लाख एकड़ से अधिक है. विभिन्न विभागों के पास 82,888 एकड़ सरकारी भूमि है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से राज्य भर से गैर मजरुआ (खास) और गैर मजरुआ (आम) जमीन की विवरणी तैयार की गयी...
More »भूकंप के खतरे पर अब तो संभल जाएं - डॉ. पृथ्वीश नाग
अनवरत चलने वाली प्राकृतिक सामंजस्य की एक प्रक्रिया के परिणामस्वरूप उत्पन्न् भयावह और विनाशकारी भूकंप पर पूर्ण नियंत्रण असंभव है। बचाव के उपाय ही हमारे पास एकमात्र विकल्प हैं। पिछली सदी के दौरान भारत तथा आसपास के देशों से जुड़े क्षेत्रों में 5.0 गहनता के भूकंपों की एक पूरी श्र्ाृंखला बताती है कि भारत, नेपाल और यह पूरा इलाका भूकंपीय क्षेत्र है। नेपाल में आए बड़े भूकंप के जबर्दस्त कंपन...
More »केंद्रीय करों में 32 के बदले 42 हिस्सा देने की अनुशंसा, इस साल केंद्र से 5620 करोड़ अधिक मिलेंगे
रांची : 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में इस वर्ष (2015-16) सरकार को 5620 करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे. हालांकि आठ केंद्रीय योजनाओं में केंद्रीय सहायता बंद करने और 24 में फंडिंग पैटर्न बदलने की वजह से इस बढ़ोतरी का शुद्ध लाभ सिर्फ 1620 करोड़ रुपये ही होगा. राज्य के वित्त सचिव अमित खरे ने गणना के बाद इसका अनुमान किया है. कोयले से मिलनेवाली राशि राज्य की...
More »विज्ञान से ही सुलझेगी कृषि समस्या --शंथु शांताराम
जिस तरह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए देश को 1960 के दशक की हरित क्रांति ने अन्न से संपन्न देश में बदल दिया था, उसी तरह आधुनिक जेनेटिक्स और जेनेटिक इंजीनियरिंग देश की कृषि समस्याओं के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। अल नीनो समेत भारत पर पर्यावरण के बदलाव का असर पहले ही दिखने लग गया है, ऐसे में विज्ञान की मदद लेने के अलावा देश के...
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