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एनजीओ की नकेल कसना जरूरी - नंटू बनर्जी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रजिस्ट्रेशन एक्ट 2010 के तहत कोई 9000 गैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) के पंजीयन रद्द कर दिए हैं। अब इनमें से कोई भी एनजीओ विदेशी अनुदान हासिल नहीं कर सकेगा। इससे अमेरिका नाहक ही नाराज हो गया है। अगर भारत के गृह मंत्रालय को लगता है कि विदेशी पूंजी से पोषित किन्हीं एनजीओ की गतिविधियों के चलते देश की सामाजिक स्थिति और आर्थिक प्रगति प्रभावित...

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ग्रामीण इलाकों में एससी-एसटी के एक चौथाई परिवार निरक्षर

देश के ग्रामीण इलाके में अनुसूचित जाति और जनजाति के तकरीबन एक चौथाई परिवार निरक्षर हैं। ग्रामीण इलाके के अन्य परिवारों की तुलना में यह संख्या लगभग डेढ़ से दो गुनी ज्यादा है।(देखें नीचे दी गई लिंक) देश के अलग-अलग सामाजिक वर्गों के बीच मौजूद रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति पर केंद्रित एनएसएसओ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के ग्रामीण इलाके में 26.6 प्रतिशत एसटी एवं 23...

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कृषि क्षेत्र की लगातार उपेक्षा- पवन के वर्मा

सरकार की आर्थिक दृष्टि औद्योगिक गलियारों, राजमार्गों, बुलेट ट्रेनों और स्मार्ट शहरों तक ही सीमित है. भारत को इनकी जरूरत है, लेकिन सरकार एकतरफा ढंग से उस भारत को छोड़ इन लक्ष्यों के पीछे नहीं भाग सकती है जहां आत्महत्याओं की संख्या और लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ रही हैं. भाजपा को याद करना चाहिए कि सर्वाधिक 18,241 आत्महत्याएं 2004 में हुई थीं, जब पार्टी ‘शाइनिंग इंडिया' की बात करती...

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आदिवासियों, किसानों की जमीन बचाने से हो शुरुआत- सच्चिदानंद सिन्हा

बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...

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प्रवासी कामगारों की बेहतरी की चिंता- पत्रलेखा चटर्जी

यमन में गृहयुद्ध ने पश्चिम एशिया में भारतीय प्रवासियों की दुर्गति को केंद्र में ला दिया है। वैसे तो हमारी सरकार युद्धरत क्षेत्र से भारतीयों को निकाल लाने की हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन अनेक भारतीय ऐसे हैं, जो खुद ही वहां से नहीं निकलना चाहते। मसलन, केरल की अनेक नर्सें, जिनके अभिभावकों ने पहले उनके प्रशिक्षण, और फिर उन्हें विदेश भेजने के लिए भारी कर्ज लिया, वहां से...

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