कानपुर। मुख्यामंत्री मायावती द्वारा प्रदेश के गरीबों के लिए महामाया गरीब आर्थिक योजना चालू की गयी है। जिसके तहत समाज के नीचे तबके के लोगों को आर्थिक मदद देने का प्रवधान है। योजना का लाभ पहुंचाने के लिए जिले के 60 हजार सही पात्रों का चयन किया गया था। लेकिन दो माह गुजर जाने के बाद अभी तक सिर्फ 15 हजार पात्रों के ही सात्यापित आवेदन फार्म जमा हो पाए है।...
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रोटी की बहस और बहस की जमीन- चंदन श्रीवास्तव
सलाह मिल गयी है. खाद्य-सुरक्षा विधेयक का मसौदा अपनी परिणति तक आ पहुंचा है. लोग जान गये हैं कि यूपीए सरकार ना सही सबको तो भी कम-से-कम 80 फ़ीसदी लोगों को सस्ता अनाज देने जा रही है. लोग खुश हैं या नहीं, कहा नहीं जा सकता. भोजपुरी में एक कहावत है-ये सूरदास घीव कड़कड़ाईल बा और सूरदास का जवाब कि थरिया में पड़ो तब नू. खाद्य-सुरक्षा के मामले में जनता-जनार्दन...
More »सोनिया के 'कुनबे' में कलह, इस्तीफा देंगे कई सदस्य
भोपाल. खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) में फूट पड़ गई है। परिषद के कई सदस्य सिफारिशों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने परिषद की मंशा पर ही सवालिया निशान लगाए हैं। इनमें सबसे आगे ख्यात अर्थशास्त्री प्रोफेसर ज्यांद्रेज और हर्ष मंदर हैं। कुछ सदस्य परिषद की सदस्यता भी छोड़ सकते हैं। खाद्य सुरक्षा को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे ज्यांद्रेज और हर्ष मंदर को परिषद ने...
More »12 जिले सूखाग्रस्त घोषित
रांची। सूबे में वर्षा और बुआई की स्थिति के आकलन के बाद शासन ने बारह जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। मंगलवार को राज्य परामर्शी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूखग्रस्त जिलों में व्यापक स्तर पर राहत कार्य चलाने के निर्देश दिये गये हैं। राहत कार्यो पर होने वाला खर्च का वहन आपदा कोष करेगा। इस मद में 390 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। इसके अलावा होने वाले खर्च...
More »सवा करोड़ खर्च फिर भी तीन आयोग नहीं दे सके रिपोर्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद विभिन्न घटनाओं को लेकर गठित किए गए सात न्यायिक जांच आयोग में से तीन आयोग अनेक बार कार्यकाल बढाए जाने के बावजूद अपनी रिपोर्ट शासन को नहीं सौंप पाए हैं, जबकि इन तीन आयोगों पर सरकार का एक करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक धन व्यय हो चुका है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जिन आयोगों ने शासन...
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