पांच नवंबर को मुंबई में खुदरा भाव में प्याज 90 रुपए किलो, दिल्ली और लखनऊ में 70 रुपए किलो तो बनारस के आसपास प्याज 60 से 80 रुपए किलो में बिका। लेकिन प्याज की एक बड़ी मंडी में छह नवंबर को एक किसान का प्याज 1,500 रुपए कुंतल में और एक दूसरे किसान का 1,100 रुपए कुंतल यानी थोक में 15 और 11 रुपए किलो के हिसाब से बिका। मध्य...
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बिहार चुनाव : मक्का किसानों को लागत से कम मिलता है दाम
-न्यूजक्लिक, "लाभ की बात छोड़िये, इस साल मक्का की लागत भी नहीं निकली है, इस बार भारी नुकसान हुआ है, क्या करें। सरकार केवल ढ़ोल पीटती है कि किसान को एमएसपी मिल रही है; किसान की आय बढ़ने के सभी दावे झूठे हैं, त्रिलोक दास जोकि बाढ़ वाले क्षेत्र कोशी से मक्का बौने वाले किसान हैं ने उक्त बातें कहीं, यह वह इलाका है जिसे सीमांचल क्षेत्र के साथ मक्का की...
More »महाराष्ट्र: उस्मानाबाद में पानी से लबालब बांध देखकर किसानों ने खेती में लगाए लाखों रुपए, अब खेत में सूख रही फसल
-गांव कनेक्शन, अपने पास गांव के पास के डैम को पानी से भरा देखकर युवा किसान देवराव नलावडे करीब 2 लाख रुपए खर्चकर जलगांव के केले की पौध लाए थे। बांध से खेत तक पाइप लाइन बिछाई थी। लेकिन इससे पहले की उनके खेत में केले की रोपाई हो पाती। निचले इलाके के गांवों को खतरे से बचाने के लिए नाले के एक हिस्से को काटकर छोड़ दिया गया। पानी नदी...
More »क्या देश के किसानों ने अपने ‘रावणों’ की शिनाख़्त कर ली है?
-न्यूजक्लिक, रावण एक मिथकीय पात्र है। जिसे एक प्रवृत्ति के तौर पर देखा जाता रहा है। दशहरे के रोज़ इस मिथकीय पात्र का दहन किया जाता है जिसे असल में खराब प्रवृत्तियों के नाश के रूप में समाज द्वारा ग्रहण किया जाता है। दिलचस्प ये है कि समाज में मौजूद खराब प्रवृत्तियाँ हर साल पैदा हो जाती हैं और हर साल उनका नाश होता है। रावण का इस तरह हर साल...
More »एक एकड़ में 15 हजार रुपये खर्च कर लौकी की खेती से साल भर में 1 लाख रुपये कमाता है ये किसान
-गांव कनेक्शन, जहां पहले बाराबंकी क्षेत्र के किसान धान, गेहूं और मोटे अनाजों की पैदावार को अपनी आय का एक मात्र जरिया मानते थे वहीं यहां के किसानों ने इस सोच से आगे बढ़कर आलू व लौकी, टमाटर और जैसी सह फसली खेती को कमाई का जरिया ही नहीं बनाया है बल्कि जिले का नाम भी रौशन किया है। जिला मुख्यालय से 38 किमी उत्तर दिशा मे फतेहपुर व सूरतगंज के...
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