नई दिल्ली। भारत में इस साल के अंत तक एक वैश्विक गैर लाभकारी संगठन खाद्य बैंकों की शुरुआत करेगा। प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन खाद्य बैंकों की मदद से जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। शिकागो के ग्लोबल फूडबैंकिंग नेटवर्क [जीएफएन] ने भारत में फूड बैंक खोलने का फैसला किया है। जीएफएन 30 देशों गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है। पित्रोदा जीएफएन के बोर्ड में हैं।...
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क्यों नहीं मिल रही नौकरी: राजभवन
देहरादून। सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षित पदों पर नियुक्तियां न होने को राजभवन ने खासी गंभीरता से लिया। राजभवन की ओर से इन आरक्षित पदों के बारे में पूरा ब्योरा तो तलब किया ही गया है, सरकार से यह भी पूछा गया है कि इन्हें भरने के बारे में क्या तैयारियां चल रही हैं। सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और जन जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था भारत के संविधान...
More »मनरेगा में भी नकली नोटों की घुसपैठ
नई दिल्ली [नीलू रंजन]। संप्रग सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] के तहत काम करने वाले भोले-भाले मजदूरों को शायद अंदेशा भी नहीं होगा, लेकिन यह सच है। उन्हें उनके खून-पसीने की कमाई के तौर पर जो रकम दी जा रही है, उसमें नकली भारतीय नोट भी हो सकते हैं। उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में स्थित इलाहाबाद बैंक की एक शाखा के कैशियर की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि...
More »ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद
ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...
More »किसानों के हितों से समझौता न किया जाए
नई दिल्ली। सरकार को दोहा दौर की वार्ता में किसानों के हितों के संरक्षण से किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन में यह बात कही गई है। अध्ययन में कहा गया है कि जहां तक कि खाद्य सुरक्षा और गरीब किसानों की बात है, भारत को विशेष सुरक्षा तंत्र [एसएसएम] से किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए। कम से कम जब तक विकसित देशों को कृषि...
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