इस त्रासद संयोग के बाद घमंड चूर हो जाना चाहिए। एयर इंडिया का प्लेन क्रैश ठीक उस दिन हुआ जब यूपीए2 पहले साल की उपलब्धियों की विशाल फेहरिस्त जारी करने वाला था। सरकार की अंदरूनी हालत बताती है कि इस तरह का हादसा होना ही था। पिछले पांच महीनों में सरकार की प्रतिष्ठा जितनी धूल-धूसरित हुई है उतनी पहले पांच सालों में नहीं हुई। ए राजा अगर आज भ्रष्टाचार का दूसरा नाम है, तो विमानन...
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बीजों के मूल्य पर नियंत्रण से बेबश हैं निजी कंपनियां
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कुछ राज्यों में बीजों के मूल्य पर नियंत्रण कानून लागू करने से बीज कंपनियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इन कंपनियों ने सरकार से संसद में विचाराधीन 'बीज विधेयक-2004' में किसी तरह का संशोधन न करने की गुजारिश की है। जबकि गुजरात, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य बीज मूल्य पर नियंत्रण बनाए रखने के हिमायती हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय बीज संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने...
More »गैर सरकारी संस्थाओं का आडिट कैग से हो : अंसारी
जागरण ब्यूरो, शिमला। उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि गैर सरकारी संस्थाओं, स्वायत्त संगठनों, सोसायटियों व ट्रस्ट के कार्यो का ऑडिट भी सरकारी विभागों की तर्ज पर कैग से करवाया जाना चाहिए। उन्होंने सब्सिडी पर खर्च होने वाले सरकारी धन को भी कम करने की वकालत की है। वह मंगलवार को यहां राष्ट्रीय लेखा व लेखा परीक्षा अकादमी के हीरक जयंती समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि...
More »नालको पूंजी विनिवेश के विरोध में प्रदर्शन
भुवनेश्वर। नालको से पूंजी विनिवेश का विरोध करते हुए सीआईटीयू की ओर से आज राजभवन के सम्मुख धरना दिया गया। नालको जैसे लाभ कमा रही सरकारी संस्थान से पूंजी हटाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण एवं जन विरोधी बताते हुए सिटू के लम्बोदर नायक ने कहा कि इसके खिलाफ जन आन्दोलन छेड़ा जाएगा। श्री नायक ने कहा कि सेल, एनटीपीसी, एनएमडीसी, नेईभेली लिगनाईट जैसे 10 राष्ट्रीयकृत उद्योगों से सरकार 40 हजार करोड़ रुपया पूंजी विनिवेश करने...
More »गरीबी के कारण छोड़ देते हैं 21 फीसदी बच्चे पढ़ाई
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तमाम दावों व वादों के प्रचार-प्रसार से देश में पढ़ाई-लिखाई की तस्वीर भले ही आकर्षक लगने लगी हो, लेकिन जमीनी हकीकत ज्यादा नहीं बदली है। आलम यह है कि सरकार चाहकर भी सभी बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने में नाकाम रही है। तमाम दावों के बीच देश के 21 प्रतिशत बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ देने की मुख्य वजह अब भी उनकी गरीबी है। देश में पढ़ाई...
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