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बाघ तो बच रहे हैं...पर बेटियां!! - मृणाल पांडे

खबर है कि गए सालों में हमारे देश में बाघों की तादाद बढ़ी है, लेकिन खबर यह भी है कि इस दौरान 0 से 6 साल की उम्र की बच्चियों की तादाद तेजी से घटी है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है और आरक्षित श्रेणी में आता है। पर उसकी खाल, हड्डी, दिल, गुर्दा सबको एशियाई बाजारों में भारी मुनाफे पर बेचा जा सकता है इसलिए पिछले सालों में लालची तस्करों...

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विकास बनाम जातिवाद का द्वंद्व - विजय संघवी

गुजरात में चुनावी रस्साकशी चरम पर है। इस राज्य में अगर कांग्रेस की रणनीति पर गौर करें तो लगता है कि उसने सत्ता में वापसी की अपनी तमाम उम्मीदें जातिगत समीकरणों पर टिका दी हैं। गौरतलब है कि उसने तकरीबन चार दशक पूर्व 1980 में भी इस राज्य में जातिगत समीकरणों को साधते हुए पूर्ण बहुमत हासिल किया था। लेकिन कांग्रेस यह भूल रही है कि तब से अब तक...

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जीएसटी की जटिलताओं से बेचैन - संजय गुप्त

पिछले वर्ष आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीपावली के तुरंत बाद नोटबंदी का ऐलान किया था, तब एक बड़े व्यापारी वर्ग को यह लगा था कि सरकार के इस कदम से उसके समक्ष तमाम मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। नोटबंदी को लेकर व्यापारी वर्ग के असंतोष के बाद भी मोदी सरकार इसे लेकर आश्वस्त थी कि यह एक आवश्यक कदम है और आगे चलकर इसका आर्थिक लाभ...

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संस्थाओं को सुदृढ़ करने का वक्त - डॉ. भरत झुनझुनवाला

अर्थशास्त्रियों में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि आर्थिक विकास की असल कंुजी देश की संस्थाओं में निहित है। सस्ते श्रम से आर्थिक विकास हासिल होना जरूरी नहीं है। जापान में श्रम महंगा है, फिर भी आर्थिक विकास में वह देश आगे है। आवश्यक नहीं कि प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयले अथवा तेल के जरिए भी विकास हासिल हो ही जाए। सिंगापुर में प्राकृतिक संसाधन शून्यप्राय हैं, फिर...

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बांध से ऊंचे सवाल-- भगवती डोभाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित किया। इस बांध की ऊंचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाया गया है, और इस तरह यह विश्व के सबसे बड़े बांधों में शामिल हो गया है। लेकिन विश्व में बड़े बांधों को लेकर बांध विषेशज्ञों की राय अच्छी नहीं है। जब टिहरी बांध बन रहा था, तब भी देश में बड़े बांधों को लेकर बहस चली...

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