पटना: पहली फरवरी से लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ सभी चयनित परिवारों को नहीं मिल रहा है. योजना लागू होने के तीन माह बीत गये, लेकिन अधिकतर परिवारों को एक बार भी राशन नहीं मिला है. अप्रैल में अनाज आवंटित तो हुआ, लेकिन कार्ड नहीं होने से राशन मिलने में परेशानी हुई. बाद में जिला प्रशासन ने सूची के आधार पर राशन बांटने का निर्देश दिया. सूची के आधार...
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आठ फीसदी स्कूलों में ही शिक्षा का अधिकार- पुष्यमित्र
दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ते वक्त आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया था कि दिल्ली में इस वक्त महज 2674 स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें राज्य के तकरीबन 24 लाख बच्चे पढ़ते हैं. वे अगर सरकार बनाते हैं तो कम से कम 500 स्कूल और खोलेंगे. आम आदमी पार्टी में आम तौर पर प्रबुद्ध, समाजसेवी और शिक्षा से जुड़े लोगों का प्रभाव माना जाता है, मगर फिर...
More »अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस: खत्म हो सकेगी बाल मजदूरी?
नौ वर्ष की 'मिली' (बदला हुआ नाम) को भी दूसरे बच्चों की ही तरह रोज सुबह जल्दी उठना पड़ता है, और जल्दी-जल्दी तैयार होना पड़ता है। हालांकि अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह वह स्कूल जाने के लिए तैयार नहीं होती, बल्कि काम पर जाने के लिए तैयार होती है। मिली एक घर में खुद से आधी उम्र की एक अन्य बच्ची की देखभाल का काम करती है। जिस उम्र में अधिकांश बच्चे...
More »बचपन पर मंडराता अंधेरा- पत्रलेखा चटर्जी
नरेंद्र मोदी के बाल विवाह के मुद्दे की वजह से इस सामाजिक बुराई के मद्देनजर हमारे राजनीतिक वर्ग का अस्पष्ट रुख एक बार फिर सामने आया है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चारों ओर फैले चुनावी कोलाहल के माहौल में बाल विवाह पर सार्थक बहस का अभाव काफी खलने वाला है। भारत में राजनीतिक दल कन्याओं के अधिकारों पर जोर-शोर से बातें करते हैं। भाजपा...
More »कृषि नीति और नीयत का संकट- अविनाश पांडेय समर
आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
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