मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की इस वर्ष प्रकाशित ‘बाघ जनगणना’ रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 22 प्रतिशत प्राकृतिक क्षेत्रों पर आक्रामक खरपतवार तेजी से फैल रही हैं। वहीं 65 फीसदी इलाका ऐसा है जहां भविष्य में ये विदेशी आक्रामक प्रजातियां पनप सकती हैं। विदेशी आक्रामक प्रजातियों का तेजी से प्रसार न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में एक पुरानी समस्या...
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जलवायु लक्ष्य व जस्ट ट्रांजिशन के लिए घातक साबित हो रहे हैं गुजरात के पेट्रोकेमिकल उद्योग
डाउन टू अर्थ, 09 जनवरी गुजरात के भरूच जिले के दहेज औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री के गोल्डन कॉरीडोर से गुजरते हुए कोयले की काली धूल और राख की परत चारों तरफ देखी जा सकती है। सड़क, मकान, दुकान, कपड़े, बर्तन यहां तक की अपनी सांस में भी लोग कोयले के बारीक कण उतरने की शिकायत करते हैं। भरूच जिले के वागरा तालुका में दहेज पोर्ट को जोडने वाला, गोल्डर...
More »एक शोध में हिमालय के मज़बूत गद्दी चरवाहा समुदाय पर प्रकाश डाला गया है
द थर्ड पोल, 17 नवम्बर गद्दी, हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा चरवाहा समुदाय है। वर्ष 2011 में हुई हालिया भारतीय जनगणना के हिसाब से इनकी आबादी 1,78,000 है। अब जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयन वाटरशेड की आबादी प्रभावित हो रही है, ऐसे में गद्दी समुदाय को लेकर इस तरह के शोध उपयोगी साबित हो रहे हैं: गद्दी समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियां, और उनके जवाब में इनकी प्रतिक्रियाएं बेहद अहम...
More »किसान का 'जेंडर' ?
किसानों के ऊपर जब भी बात की जाती है तब उस बातचीत का दायरा इतना संकीर्ण क्यों हो जाता है ? सिर्फ ‘पुरुष’ किसान को ही किसानों का एकमात्र प्रतिनिधि मान लिया जाता है। ऐसा क्यों ? तमाम अखबारों से लेकर टीवी चैनलों के चित्रपटों पर ‘पुरुष’ किसान ही पूरे कृषक समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहा होता है। क्या इस देश की खेती–बाड़ी में महिलाओं का कोई योगदान नहीं है...
More »गुरेज़: पट्टू बुनकरों की रेशा-रेशा बिखरती ज़िंदगी
पारी हिंदी, 28 अगस्त अपना आख़िरी पट्टू बुने हुए अब्दुल कुमार मागरे को कोई 30 साल हो गए हैं. वह कश्मीर की भयानक सर्दियों - जब तापमान -20 डिग्री से भी नीचे चला जाता है - से बचाव करने के लिए मशहूर इस ऊनी कपड़े को बुनने वाले कुछ आख़िरी बचे हुए बुनकरों में एक हैं. अब्दुल (82) याद करते हुए कहते हैं, “मैं एक दिन में तक़रीबन 11 मीटर कपड़े बुन...
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