शिमला : स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो प्रदेश में भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ शिकंजा कसने जा रहा है। इस मुहिम के तहत विजिलेंस विभाग ऑफिसर डाउट फुल इंटीग्रिटी (ओडीआई) लिस्ट तैयार कर रहा है। ओडीआई लिस्ट में इस तरह के अधिकारियों को शामिल किया जा रहा जिनके खिलाफ विभाग को लगातार भ्रष्टाचार और घूसखोरी की शिकायतें मिल रही हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट में कई आला अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। इस...
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कोसी पुनर्निर्माण के लिए आठ सौ करोड़
पटना कोसी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में विश्व बैंक की मदद से पुनर्निर्माण की बात आगे बढ़ी है। पहले चरण में विश्व बैंक आठ सौ करोड़ रुपये की मदद राज्य सरकार को उपलब्ध करायेगा। विश्व बैंक के दक्षिण एशिया रिजनल कोआर्डिनेटर क्रिस्टोफ पुच के नेतृत्व में एक टीम ने कोसी के प्रभावित इलाकों में कई दिनों तक घूमने के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट की। इस बाबत मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्व बैंक...
More »हमारी खेती अमेरिका से अच्छी- वंदना शिवा
वंदना शिवा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खेती के सवाल पर लगातार लड़नेवाली लड़ाका हैं. वे इंटरनेशनल फोरम आन ग्लोबलाईजेशन की सदस्य हैं. उनसे एक महत्वपूर्ण बातचीत.विस्फोट डाट कॉम से साभार) दूसरी हरित क्रांति की बात हो रही है. आपकी असहमति और सहमति किसरूप में रेखांकित होती है? मैंनेजब 1984 में हरित क्रांति का विरोध शुरू किया था तो इसके पीछे एक मकसद था। कहा जाताथा कि पंजाब में हरित क्रांति से...
More »बिना जमानत मिलेगा लघु उद्योगों को 10 लाख का कर्ज
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अति लघु व छोटी औद्योगिक यूनिटों को अब बैंकों से दस लाख रुपये तक का कर्ज बिना किसी जमानत के मिलेगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों को आगाह किया है कि वे इन एसएमई यूनिटों से इस राशि तक के कर्ज के लिए कोई जमानत मुहैया कराने का दबाव न डालें। अभी तक यह सुविधा पांच लाख रुपये तक के कर्ज पर उपलब्ध थी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के मुताबिक...
More »तारों की ओढ़नी, भूमि का बिछौना
जम्मू [अंचल सिंह]। राज्य में ऐसे परिवारों की कमी नहीं जो तारों की ओढ़नी और भूमि का बिछौना बनाकर सोते हैं। केवल इस आस में कि कभी तो केंद्र की योजनाएं जमीनी स्तह पर पहुंचेंगी और उन्हें भी छत मुहैया होगी, लेकिन गरीबों और उनके आशियाने के बीच 'राजनीतिक पहुंच' आड़े आ रही है। जम्मू-कश्मीर में करीब चार हजार परिवार ऐसे हैं जिनके सिर पर छत नहीं। कोई झोपड़पट्टी में तो कोई खुले में...
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