भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
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रोज कूड़े में जाता है 82 करोड़ रुपए का अनाज
नई दिल्ली. भारत में एक ओर रोज करोड़ों लोगों को भूखे सोना पड़ता है, जबकि दूसरी ओर हर दिन 82 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मूल्य का अन्न बर्बाद हो जाता है। वह भी केवल इसलिए क्योंकि सरकार के पास यह अन्न रखने और एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने की पर्याप्त सुविधा नहीं है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कांत सहाय ने सोमवार को राज्य सभा में एक सवाल के...
More »ग्रामीण परिवहन को और कमाउ बनाएगी सरकार
भोपाल. शिवराज मंत्रिपरिषद ने परिवहन व्यवस्था के नए सेटअप के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस पर पांच करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें अमले का पांच तरह का कैडर होगा, 349 नए पद मंजूर किए गए हैं। संभागीय उपायुक्त पदस्थ्र किए जाएंगे। ग्रामीण परिवहन में दो तरह के मार्ग होंगे और 100 किलोमीटर पर प्रति सीट प्रति माह 120 रुपए फीस लगेगी। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट...
More »वैश्विक खाद्यान्न उत्पादन- मौजूदा हालात
एफएओ का कहना है कि साल 2010-2011 में अनाज के उत्पादन में रिकार्ड बढ़त( 2279.5 ) होने की संभावना है लेकिन बुरी खबर यह है कि सूखे की मार झेल रहे रूस में इस साल गेहूं के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन एक करोड़ ३० लाख टन कमी आने की आशंका है। साल 2008-09 में रूस में 63.7 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जबकि इस साल आशंका है...
More »दाने-दाने की राजनीति
इण्डिया और भारत के बीच की गहरी खाई में दो रोटियों के लिए स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को पकाने वाले की जाति पर गुस्सा आ जाए यह बात अपने आप में चौंकाने वाली है अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए जिसमें इंसान को बस इंसान बनाया जाए 84 वर्षीय गीतकार गोपालदास नीरज ने अभी हाल में लखनऊ में अपने एक सम्मान समारोह में जब यह पक्तियाँ गाईं तो समूचा सभागार...
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