बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
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इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
More »भारत में रोजगारहीन आर्थिक वृद्धि - आईएलओ की नई रिपोर्ट
जिस भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते दक्षिण एशिया में साल 2010 तक आर्थिक-वृद्धि की रफ्तार 9 फीसदी से ज्यादा की रही और अब यानी साल 2011-12 में 7 फीसदी पर जा पहुंची है, उसके बारे में सबसे ज्यादा गौर करने लायक तथ्य क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय श्रम-संगठन की नई रिपोर्ट ग्लोबल एम्पलॉयमेंट ट्रेन्डस् का कहना है कि बढ़ोत्तरी का यह कमाल श्रम की उत्पादकता में बढ़वार का नतीजा था ना कि...
More »हैवानियतः मजदूर को पत्थरों से पीट-पीट मार डाला
मानपुरा. बद्दी के कल्याणपुर में एक श्रमिक की पत्थरों से पीट-पीट कर हत्या कर दी। आरोपी ने सुराग मिटाने के लिए शव पर पैट्रोल छिड़ककर जलाने की की कोशिश की। कामगार की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर हत्या का मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। वीरवार सुबह सरसा नदी के पास बंद पड़ी अपर संडोली उठाऊ पेयजल योजना...
More »भ्रष्टाचार के विरुद्ध तीन देवियां
वर्ष 2008 में पूरे देश भर की तरह मेघालय के जोंगक्षा गांव में भी नरेगा (अब मनरेगा) योजना लागू हुई. घपला-घोटाला भी साथा आया. नरेगा में काम करनेवालों को मजदूरी के रूप में 70 रुपये ही दिये जा रहे थे. इसके चलते नरेगा का स्थानीय भाषा में एक खास नाम पड़ गया, जिसका अर्थ होता है 70 टकिया. इस भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कोंग फ़ातिमा मायनसोंग, कोंग एक्यूलाइन सोंनथीअंग और कोंग मतीलदा सुतिंग नामक...
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