मथुरा के जवाहर बाग पर कब्जा जमा कर बैठने वाले रामवृक्ष यादव का न केवल अजीबोगरीब एजेंडा था बल्कि वह सूचना के अधिकार केतहत भी अजीबोगरीब जानकारी भी हासिल करना चाहता था। ऐसी ही एक जानकारी उसने मांगी थी कि क्या भारत के प्रथम नागरिक(राष्ट्रपति) को कोई पहचान पत्र(आईडी) जारी किया जाता है। रामवृक्ष यादव ने आईडी की सत्यापित प्रति सहित अन्य दस्तावेज मुहैया कराने की गुहार की थी। गत...
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रेस्तरां ने ग़रीब बच्चों को खाना खिलाने से किया इंकार...
कनॉट प्लेस में एक नामी रेस्तरां ने एक महिला के साथ जा रहे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को अपने यहां प्रवेश देने से मना कर दिया जिसके बाद दिल्ली सरकार ने जांच का आदेश दिया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने घटना को ‘औपनिवेशिक मानसिकता' का उदाहरण बताया और कहा कि अगर रेस्तरां के खिलाफ आरोप सही पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अगर आरोप सत्य पाया...
More »उजले दौर की 'स्याह' सच्चाइयां - कमलेंद्र कंवर
सवाल केवल कानून-व्यवस्था के उल्लंघन का नहीं। सवाल नस्लवाद और रंगभेद के घृणित आरोप का है। सवाल कूटनीतिक संबंधों का है। और सवाल देश की अंतरराष्ट्रीय छवि का भी है। दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में पिछले शुक्रवार को अफ्रीकी छात्र मसोंदा कितादा ओलिवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण इतना मामूली कि सुनने वालों को विश्वास तक ना आए। तीन गुंडा तत्व उसी ऑटोरिक्शा पर सवार...
More »विवादों के जाल में मछुआरे-- पंकज चतुर्वेदी
पिछले दिनों भारत की दो नौकाओं और कोई दस मछुआरों को पाकिस्तान की समुद्री पुलिस ने पकड़ लिया, कहा गया कि वे उनके देश की सीमा में घुस आए थे। उसके दो दिन बाद ही कच्छ में बीएसएफ ने पाकिस्तान के अठारह मछुआरे पकड़े। कहा गया कि ये भारतीय सीमा में चौंतीस किलोमीटर भीतर घुस आए थे। पाकिस्तान के थट्टा जिले के शाहपुर ब्लाक के चचा जानखां गांव के इन...
More »प्रेस की आजादी और हमारा रिकॉर्ड-- रामचंद्र गुहा
मैं 1988 के पूर्वार्द्ध में उत्तराखंड में शोध कर रहा था, जब उसी क्षेत्र में एक बहादुर नौजवान पत्रकार की हत्या की खबर आई। उसका नाम उमेश डोभाल था। उसने शराब माफिया, पुलिस, आबकारी विभाग व स्थानीय राजनेताओं की सांठगांठ का पर्दाफाश किया था। उसे शराब ठेकेदारों के भाड़े के हत्यारों ने मारा था। 1988 के उत्तरार्द्ध में मैं दिल्ली में रह रहा था, जब लोकसभा द्वारा प्रेस की आजादी को...
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