बिहार के प्राथमिक विद्यालयों की असली तसवीर क्या है? इस सवाल पर अब तक धारणाओं के आधार पर ही सारी बाती कही जाती रही हैं. वहां पढ़ाई नहीं होती, शिक्षक नहीं पहुंचते, बच्चे खेलते रहते हैं. मिड-डे मील ठीक से नहीं मिलता. मगर अब आपको इस बारे में धारणाओं के आधार पर बातें करने की जरूरत नहीं, क्योंकि हम पहली दफा राज्य के प्राथमिक विद्यालयों की असली तसवीर पेश कर...
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अधर में महिला आरक्षण- संजीव चंदन
अचानक कोई निर्णय नहीं लिया गया तो इस बार शीत-सत्र में भी भाजपा सरकार महिला आरक्षण विधेयक संसद मे पेश नहीं करने जा रही। राज्यसभा में 2010 में ही इसे पास कर लोकसभा के लिए भेज दिया गया था। तब राज्यसभा में विधेयक के पारित होने को इसकी ताकत माना गया था कि अब यह विधेयक जीवित रहेगा। संवैधानिक नियमों के अनुसार राज्यसभा में अगर पेश किए जाने के बाद...
More »नरेगा मजदूरों की काली दिवाली- ज्यां द्रेज
कुछ दिन पहले जब दीये और पटाखे की रोशनी से देश जगमगा रहा था तो बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सैकड़ों नरेगा मजदूर ‘काली दीवाली' मनाने के लिए इक्कट्ठा हुए। उन्हें महीनों से मजदूरी नहीं मिली थी। मजदूरी मिलने के इंजतार में थक-हार कर नरेगा मजदूरों ने तत्काल भुगतान की मांग के साथ एक धरने का आयोजन किया। धरने पर बैठे मजदूर ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे थे- उन्हें बस...
More »अरबों के बकाए के चलते बुझ गई 'अटल ज्योति'
जबलपुर(नईदुनिया टीम)। कुछ महीनों पहले तक रोशनी से जगमग रहने वाले महाकोशल-विंध्य के हजारों गांवों की ज्याेति बुझ गई है। विद्युत बोर्ड के अफसरों ने बिल बकाया होने का हवाला देकर एक तरफ से आपूर्ति बंद करवा दी है। गांवों के ट्रांसफार्मर ही उतरवा लिए। ऐसी सजा से ग्रामीण सिंचाई के लिए परेशान हैं तो बिजली आधारित व्यवसाय बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर हैं...
More »बच्चों को स्कूल क्यों पसंद नहीं आता - पंकज चतुर्वेदी
वह बमुश्किल तीन साल की होगी, पापा की गोदी में जब कार से उतरी, तो चहक रही थी। जैसे ही बस्ता उसके कंधे पर गया, तो वह सुबकने लगी, रंग-बिरंगे पुते, दरवाजे तक पहुंची, तो दहाड़ें मारने लगी। वह स्कूल क्या है, खेल-घर है, वहां खिलौने हैं, झूले हैं, खरगोश और कबूतर हैं, कठपुतलियां हैं, फिर भी बच्ची वहां जाना नहीं चाहती। क्योंकि...
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