नवम्बर महीने की शुरुआत से दिल्ली और उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से को धुएं और कुहासे के मेल से बने धुंधलके की एक मोटी परत ने घेर रखा है और इस बात पर तीखी बहसें हो रही हैं कि दिल्ली में वायु-प्रदूषण का स्तर किन कारणों से बढ़ रहा है। साल 2012 के जनवरी महीने में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की ऋद्धिमा गुप्ता की रिपोर्ट आई और इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश...
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त्रासदी की नींव पर घटती त्रासदी
भोपाल के यूनियन कार्बाइड परिसर में दबाए गए जहरीले कचरे नेआस-पास के भूजल को मानक स्तर से 561 गुना ज्यादा प्रदूषित कर दिया है. शिरीष खरे की रिपोर्ट. सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख और लंदन ओलंपिक में भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपित डाउ केमिकल्स कॉरपोरेशन को शीर्ष प्रायोजक बनाने से उठे विरोध के बीच आखिरकार केंद्र सरकार ने यूनियन कार्बाइड कारखाने की चारदीवारी में रखे 340 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को जलाने के...
More »गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप
जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...
More »जेपी कंपनी कानून से करती रही खिलवाड़, सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट की लागत छुपाकर सरकार को दिया धोखा
शिमला. थर्मल और सीमेंट प्लांट स्थापित करने के मामले में जेपी कंपनी कानून से खिलवाड़ करती रही। जेपी कंपनी ने थर्मल प्लांट लगाने के लिए ईआईए क्लियरेंस प्राप्त नहीं की थी। फिर भी राज्य सरकार से बघेरी में थर्मल प्लांट लगाने की अनुमति प्राप्त करने में कंपनी सफल रही। इसी तरह से बघेरी सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट की लागत छुपाकर सरकार को धोखा दिया। कंपनी ने प्लांट की लागत छुपाकर सीमेंट प्लांट का...
More »क्यों बढ़ रहा है जल-संकट? -- बाबा मायाराम
पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेष समेत देष भर में पानी का संकट बढ़ा है। यह समस्या प्रकृति से ज्यादा मानव-निर्मित है। वर्षा की कमी के साथ, वनों की अवैध कटाई, पुराने तालाबों पर अतिक्रमण, गाद भरने से सरोवरों की भंडारण क्षमता में कमी, पानी की फिजूलखर्ची, नदी, जलाषयों का पानी औद्योगिक इकाईयों को देने व षहरों के प्रदूषित पानी को नदियों के प्रदूषण और भूजल को बेतहाषा दोहन से समस्या...
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