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आशियाने ही नहीं, उम्मीदें भी लगीं दरकने

संगरूर-बाढ़ का पानी बेशक उतरने लगा हो, लेकिन खौफ व दर्द अब भी इनकी आंखों के आंसू सूखने नहीं दे रहा। जान बच गई बस यही काफी है। पानी ने जिंदगी की जो रफ्तार एकाएक रोक दी, वह कब रवानी पकड़ेगी क्या मालूम। अभी तो यह चिंता साल रही है कि कहीं फिर आसमान रूठा तो रही सही कसर पूरी हो जाएगी। लोग कभी अपने घरों की दरारों को देखते हैं...

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किसानों को मिल सकता है सस्ता डीजल

नई दिल्ली. पेट्रोल पदार्थो की कीमत वृद्धि से नाराज हुई जनता के आक्रोश को कम करने के संभावित उपाय पर सरकार ने विचार शुरू कर दिया है। पहले चरण में सरकार के इस नरम रुख का लाभ किसानों को मिल सकता है। सरकार गांव के किसानों के लिए डीजल की दर कम करने पर विचार कर रही है। हालांकि इसमें सबसे बड़ी बाधा किसान की पहचान बन रही है। सरकार के...

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तपती धरती को चाहिए पर्यावरण रक्षा

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। वैश्विक स्तर पर बढ़ते जा रहे तापमान के मूल्याकन से आसार नजर आ रहे हैं कि वर्ष 2010 रिकार्ड तोड़ गर्मी का साल साबित हो सकता है। भारत के एक बड़े क्षेत्र के लिए भी यह वर्ष रिकार्ड तोड़ गर्मी का वर्ष बनता जा रहा है। बीच में भीषण गर्मी से भले ही थोड़ी-बहुत राहत मिले, लेकिन कुल मिलाकर प्रवृत्ति बढ़ते तापमान की ओर है। अनेक...

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किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा

 भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...

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बेलगाम महंगाई पर अब लगेगी लगाम!

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। महंगाई को रोकने की हर कोशिश नाकाम होने के बाद केंद्र सरकार को कृषि तथा मैन्यूफैक्चरिंग दोनों क्षेत्रों से खुशखबरी मिली है। वर्ष 2009-10 की तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में जहां कृषि विकास दर में ढाई फीसदी का इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 0.7 फीसदी पर पहुंच गई है। वहीं मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में वृद्धि दर 13.8 से बढ़कर 16.3 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे अंतिम तिमाही में जीडीपी...

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