हरिओम गौड, श्योपुर(मध्यप्रदेश)। श्योपुर व आसपास के गांवों के लोग जिस कचरे को घूरे पर फेंक देते हैं, उसी कचरे से राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के इस कचरे को राजस्थान के किसान चंबल व बनास नदी के किनारे रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इन खेतों में गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई तरह की मौसमी सब्जियों...
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मौसम में फेरबदल कर सूखे का सामना करने की तैयारी में महाराष्ट्र
नई दिल्ली. इस साल कम बारिश की आशंका को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार पानी की कमी को पूरा करने के लिए 'क्लाउड सीडिंग' कराने पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास विभाग के सचिव केएच गोविंदराज ने कहा, 'राज्य सरकार सरकार ने क्लाउड सीडिंग कराने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए हैं ताकि जरूरत से कम बारिश होने पर हम उसके मुकाबले के लिए तैयार रहें।' गोविंदराज...
More »एसईजेड की विफलता, नए लैंड बिल पर सवाल
नई दिल्ली। आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए पहले किए गए भूमि अधिग्रहण लक्ष्य हासिल करने में विफल रहे हैं। नए विवादास्पद जमीन अधिग्रहण विधेयक (लैंड बिल) पारित कराने की जद्दोजहद को देखते हुए यह एक चेतावनी से कम नहीं है। नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए किसानों की अधिगृहित जमीन के अधिकतम 62 फीसदी का ही इस्तेमाल मैन्युफैक्चरिंग, निर्यात और...
More »श्योपुर के कचरे से राजस्थान के रेगिस्तान में खेती
हरिआमे गौड, श्योपुर। श्योपुर और आस-पास के गांवों में लोग जिस कचरे को फेंक देते हैं, उससे राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के कचरे को किसान चंबल व बनास नदी के किनारे 200 से 250 बीघा जमीन में रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इनमें गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई मौसमी सब्जियों की खेती कर रहे हैं।...
More »खरीद के इंतजार में बेहाल गेहूं किसान
बेमौसम बरसात के कहर के बाद केंद्र सरकार ने किसानों के साथ खड़े होने का भरोसा दिया था. गेहूं की खरीद से संबंधित गुणवत्ता नियमों में ढील देने की घोषणा भी हुई थी. पर, इस महीने के शुरुआती कुछ दिनों में गेहूं खरीद गत वर्ष की तुलना में चार फीसदी कम हुई है. खबरों के मुताबिक अब तक 2.17 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीद हो सकी है, जबकि पिछले साल...
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