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उत्तराखंड की चेतावनी- अपूर्व जोशी

जनसत्ता 26 जून, 2013: उत्तराखंड में आई भारी विपदा पर लिखने बैठा, तो एकाएक बाबा नागार्जुन याद आ गए, अपनी एक कविता के जरिए- ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/ पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/ किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/ कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/ सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/ मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/...

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खाद्यान्न गोदाम बनाने में हरियाणा समेत छह राज्य पिछड़े

निजी क्षेत्र की भागीदारी से खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम बनाने के काम में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन खराब है। खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की प्राइवेट इंटरप्रिन्योर्स गारंटी (पीईजी) स्कीम में गोदाम बनाने की प्रगति पर पीएमओ को भेजे स्टेटस नोट में मंत्रालय ने कहा है कि बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश...

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कमजोर रुपया बढ़ा रहा विदेशी कर्ज का बोझ

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में तेज गिरावट से देश की क्रेडिट प्रोफाइल बिगड़ने की आशंका पैदा हो गई है। साथ ही देश पर विदेशी कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है। तेल कंपनियों की मांग और सोमवार को भी रुपया लुढ़कते हुए 59.83 तक जा पहुंचा। मगर बाद में बैंकों की ओर से डॉलर की बिक्री ने हालात सुधारे और एक डॉलर की कीमत...

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प्रधानमंत्री ने 850 मेगावाट पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी

किश्तवाड़ (जम्मू कश्मीर)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जम्मू कश्मीर में पनबिजली उत्पादन की संभावनाओं के दोहन के प्रयासों के तहत चेनाब नदी पर 850 मेगावाट क्षमता की रटले पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी। सिंह ने कहा, इस अवसर पर कहा कि भारत की यह ऐसी पहली पनबिजली परियोजना है, जिसका ठेका अंतरराष्ट्रीय बोली के आधार पर दिया गया है। इस पर 5,550 करोड़ रच्च्पये का खर्च आएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद...

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हे भगवान प्लास्टिक- सुसान फ्रिंकेल

लगभग नब्बे बरस पहले हमारी दुनिया में प्लास्टिक नाम की कोई चीज नहीं थी. आज शहर में, गांव में, आस-पास, दूर-दूर जहां भी देखो प्लास्टिक ही प्लास्टिक अटा पड़ा है. गरीब, अमीर, अगड़ी-पिछड़ी पूरी दुनिया प्लास्टिकमय हो चुकी है. सचमुच यह तो अब कण-कण में व्याप्त है--शायद भगवान से भी ज्यादा! मुझे पहली बार जब यह बात समझ में आई तो मैंने सोचा कि क्यों न मैं एक प्रयोग करके देखूं-...

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