क्या लाल किले और चांदनी चौक में फासला बढ़ रहा है? पंद्रह अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण सुनते वक्त यह सवाल मेरे जहन में कौंध रहा था. टीवी पर विपक्षी नेता और कई एंकर शिकायत कर रहे थे कि प्रधानमंत्री का भाषण बहुत राजनीतिक है. मुझे इसकी चिंता नहीं थी. स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण राजनीतिक होता है, होना भी चाहिए. यह भाषण...
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केरल की बाढ़ के गंभीर सबक - राजेंद्र सिंह
भारत में लिखित संविधान से पहले नदियों को मां का अधिकार देने वाला अलिखित संस्कार-व्यवहार दिया गया था। दुर्भाग्य से लिखित संविधान में वैसी व्यवस्था नदियों के लिए नहीं की गई। जबकि नदियां बाढ़-सुखाड़ से किसी भी राष्ट्र को नष्ट कर सकती हैं। यह प्रकृति और नदियों का क्रोध कहलाता है। इस क्रोध से बचने के लिए भारत के लोगों ने नदियों को अपनी मां कहा और उनके साथ जीवित...
More »पत्रकारिता के शीर्ष कुलदीप नैयर-- नीरजा चौधरी
भारतीय पत्रकारिता के बड़े आधार-स्तंभों में से एक कुलदीप नैयर अब हमारे बीच नहीं रहे. मैं उन्हें भारतीय पत्रकारिता जगत का लिजेंड मानती हूं. मैं उनके काम करने के तरीके और उनकी पत्रकारिता को जितना नजदीक से जानती हूं, कह सकती हूं कि आज तकनीकी के इस दौर में भी कोई पत्रकार वैसा काम नहीं कर सकता. जिस तरीके से वे फैक्ट फाइंडिंग करते थे, उसमें कहीं भी कोई एकपक्षीय...
More »सेवानिवृत्त वेटरन को मिले नौकरी- वरुण गांधी
भारत में सशस्त्र बलों के 25 लाख से अधिक वेटरंस (अनुभवी व्यक्ति) हैं, जिनमें से अधिकांश अच्छी तरह से प्रशिक्षित, प्रेरणा और उच्च कौशल से लैस नागरिक हैं, जो आगे बढ़कर राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने को तत्पर हैं. इसमें हर साल लगभग 60,000 सैनिकों का और इजाफा हो जाता है. वेटरन में शामिल होनेवाले अधिकांश सैनिकों की उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच होती हैं. हालांकि, इनमें से...
More »क्या हम केरल की बाढ़ से सबक लेंगे-- एस श्रीनिवासन
आखिरी समाचार मिलने तक केरल की बाढ़ लगभग 400 लोगों को निगल चुकी है। करीब 10 लाख लोगों को इसके कारण बेघर होना पड़ा है और निजी व सरकारी संपत्तियों के नुकसान का आंकड़ा तो हजारों करोड़ में पहुंचेगा। एक बार जब बारिश थमेगी और राज्य सरकार अपनी अर्थव्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर और जन-स्वास्थ्य को फिर से पटरी पर लाने का काम शुरू करेगी, तब उसे कहीं गंभीर समस्याओं का सामना करना...
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