नई दिल्ली। देश का प्रमुख उद्योग संगठन एसोचैम काला धन रखने वालों के नामों का खुलासा करने के खिलाफ है। उद्योग चैंबर ने कहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए भले ही ऐसी मांग की जा रही हो, मगर सरकार को इन लोगों के नामों को समय से पहले उजागर नहीं करना चाहिए। अगर सरकार नामों का खुलासा कर देती है, तो काले धन को लेकर उसकी लड़ाई कमजोर पड़...
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फसलों के जहरीले तत्वों पर अब होगा नियंत्रण
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में अब जीन साइलेंसिंग तकनीक पर रिसर्च होगा। इस तकनीक के माध्यम से फसलों के हानिकारक टॉक्सिन्स (जहरीले तत्वों) को दूर किया जाएगा। इससे कुछ हानिकारक तत्वों की वजह से अनुपयोगी कही जाने वाली फसलें उपायोगी हो जाएंगी। अभी इस तकनीक का इस्तेमाल कुछ विकसित देशों में हो रहा है। उल्लेखनीय है कि तिवरा (लाखड़ी) सहित कुछ उपयोगी फसलों को उसमें पाए जाने वाले हानिकारक...
More »आज भी मजबूर हैं बच्चे
बाल श्रम के क्षेत्र में काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार मिलना देश के लिए गौरव की बात है। पर यह सवाल आज भी उतनी ही शिद्दत से हमारे सामने है कि कब हमारे देश से बाल श्रमिकों का उन्मूलन होगा। हाल ही में राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक चूड़ी कारखाने से बिहार के 140 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। यह बताता है कि बाल...
More »जन-धन योजना के बाद अब सरकार की घर-घर बीमा उत्पाद पहुंचाने की तैयारी- प्रशांत श्रीवास्तव
नई दिल्ली। मोदी सरकार सभी के बैंक खाते खोलने के अभियान जन-धन की तरह अब बीमा उत्पादों को भी घर-घर पहुंचाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ऐसे बीमा उत्पाद लांच करने की कोशिश में हैं, जिस पर आम आदमी को बहुत कम प्रीमियम देना पड़े। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) बीमा कंपनियों के साथ मिलकर नए तरह के उत्पाद डिजाइन करने की कवायद शुरू भी कर चुका...
More »शुद्ध अनाज चाहिए, तो मध्यप्रदेश के मंडला-डिंडौरी चले आइए
जबलपुर। पड़ोसी जिलों के खेतों से निकलने वाली राहर, कोदों-कुटकी, चावल और मक्का में किसी तरह का रसायन नहीं है। यह अनाज पूरी तरह से जैविक उत्पाद हैं। कुछ इस तरह की फसलों की पैदावार करने वाले मंडला और डिण्डौरी जिले देश में आर्गेनिक खेती के मामले में अव्वल बने हुए हैं। जिसके चलते प्रदेश सरकार ने इन जिलों को जैविक खेती का हब बनाने का फैसला लिया है। इसके बाद...
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