जैंती (अल्मोड़ा) : उत्ताराखण्ड राज्य आंदोलन में अपनी शहादत देने वाले जिले के एकमात्र आंदोलनकारी की विधवा मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर रही है। नेताओं के लाख घोषणाओं के बावजूद शहीद की जन्मस्थली मिरोली गांव आज भी रोड, पानी, बिजली के लिए मोहताज है। उत्ताराखण्ड राज्य आंदोलन के दौरान अल्मोड़ा जनपद के मल्ला सालम के मिरोली निवासी प्रताप बिष्ट की 3 अक्टूबर 1994 को पुलिस...
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सूचना के अधिकार अधिनियम की धार कुंद करने की कोशिश
रोजमर्रा के राजकाज में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम समझा जाने वाला सूचना का अधिकार नियम गंभीर खतरे की जद में है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान इस ऐतिहासिक अधिनियम को बार-बार अपनी उपलब्धि कहकर भुनाने वाली यूपीए सरकार अब सत्ता के गलियारों में ऊंची कुर्सियों पर काबिज लोगों के आगे झुकते हुए इस अधिनियम में बदलाव करने वाली है ताकि नागरिकों के हाथ मजबूत करने वाला...
More »बालको हादसा : मजदूरों की जान जोखिम में
रायपुर। राज्य निर्माण के नौ वर्ष में बेशक छत्तीसगढ़ ने तेजी से तरक्की की है और यहां औद्योगिक विकास भी खूब हुआ है, लेकिन इन सब के बावजूद बालको हादसे ने यह साबित कर दिया है कि उद्योग सुरक्षा मापदंडों का पालन करने में कहीं न कहीं कोताही बरत रहे हैं और मजदूरों की जान जोखिम में है। राज्य के कोरबा जिला मुख्यालय से लगे भारत एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड के...
More »हजारों वर्गफुट में फैला मलबा बना चुनौती
कोरबा. बालको के निर्माणाधीन पॉवर प्लांट की चिमनी गिरने की यह अपने तरह की पहली घटना है। इस बड़ी औद्योगिक दुर्घटना में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की पोल भी खोलकर रख दी है। चिमनी गिरने के बाद संयंत्र परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मजदूर अपने साथियों को तलाशते हुए बदहवास थे। यह सही है कि हादसा बड़ा है मगर उसके बाद राहत और आपदा प्रबंधन ने जो व्यवस्था की जानी...
More »बाल श्रमिक उत्तरांचल में बंधक
जबलपुर. शहर के कुंडम थाना क्षेत्र के लगभग 12 श्रमिकों को उत्तरांचल, हरिद्वार के चिचौली जिले में एक ठेकेदार द्वारा बंधक बनाकर रखे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इन श्रमिकों में अधिकांश की उम्र 18 साल से कम है और वे बाल श्रमिक हैं। किसी तरह ठेकेदार के चंगुल से छूटे भूखे-प्यासे श्रमिकों ने चिचौली में एक सहृदयी एसटीडी बूथ संचालक की मदद से कुंडम निवासी समाज सेवी...
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