देश में मौजूद विषमता की बात करते हुए अकसर कहा जाता है, यहां दो देश बसते हैं, एक भारत तो एक इंडिया। हाल के सालों में इसपर बहसें भी खूब हुई हैं और अब खुद एक सरकारी रिपोर्ट से जान पड़ता है कि अपने देश में “भारत” की सच्चाई कुछ और है, “इंडिया” की कुछ और। एक ऐसे समय में जब शहरी भारत की तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है और यही चलन नीति-निर्माताओं को पसंद भी आ...
More »SEARCH RESULT
कृषि में मदद नहीं दे रहा केंद्र
पटना : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार में कृषि के विकास के लिए केंद्र उम्मीद के अनुसार समुचित मदद नहीं कर रहा है. राज्य में कृषि के कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. सात वर्षो में कृषि का बजट 24 करोड़ से 1,200 करोड़ कर दिया गया है. खरीफ महोत्सव रथ रवाना जिलों के लिए खरीफ महोत्सव रथ रवाना करने के बाद मंगलवार को पशु चिकित्सा महाविद्यालय सभागार में...
More »बर्बादी की वजह बनते बीज- जाहिद खान
बीज खेती की बुनियाद है और अच्छे बीज, अच्छी खेती की जमानत। पर ये बीज ही आज किसानों को खून के आंसू रूला रहे हैं। हाल के सालों में ऐसे कई मामले सामने निकलकर आए हैं, जब बीज किसानों की बर्बादी की वजह बने। किसान अधिक पैदावार की लालच में संकर और जीएम बीजों का इस्तेमाल करते हैं और बाद में सिर्फ छले जाते हैं। हैरत की बात यह है...
More »गरीबी, खाद्य सुरक्षा और कैश ट्रांसफर- रितिका खेड़ा
कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...
More »एमबीए पास इस युवा की कहानी है इंटरेस्टिंग, आप भी कहेंगे WOW!
पटना| एमबीए की शिक्षा लेने वाले ज्यादातर युवाओं का लक्ष्य बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में अच्छी नौकरी और मोटा वेतन पाना होता है। लेकिन एमबीए की पढ़ाई कर चुका कोई युवा यदि पेशे के तौर पर खेती को चुने तो थोड़ी हैरानी होगी। ऐसे ही युवा हैं बिहार के शेखपुरा जिले के अभिनव वशिष्ठ, जिन्होंने एमबीए की पढ़ाई के बाद औषधीय खेती को अपना पेशा बनाया है। शेखपुरा जिले के केवटी निवासी अभिनव वशिष्ठ ने...
More »