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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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महिलाओं ने पुरुषों को दिखाई राह, बदली तकदीर

डोरीगंज [सारण, श्रीराम तिवारी]। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका अब काफी सराहनीय हो गई है। अब महिलाएं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल ही नहीं रही वरन उन्हें रास्ता भी दिखा रही है। सदर प्रखंड अंतर्गत खलपुरा पंचायत की मुस्लिम परिवार की महिलाएं जो मानस संस्था द्वारा गठित समूहों में चूड़ी फरोश महिला मंडल की महिलाएं पहले तीन वर्ष पूर्व तक महाजनों से कर्ज लेकर फेरी कर काम...

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महिलाओं ने पुरुषों को दिखाई राह, बदली तकदीर

डोरीगंज [सारण, श्रीराम तिवारी]। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका अब काफी सराहनीय हो गई है। अब महिलाएं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल ही नहीं रही वरन उन्हें रास्ता भी दिखा रही है। सदर प्रखंड अंतर्गत खलपुरा पंचायत की मुस्लिम परिवार की महिलाएं जो मानस संस्था द्वारा गठित समूहों में चूड़ी फरोश महिला मंडल की महिलाएं पहले तीन वर्ष पूर्व तक महाजनों से कर्ज लेकर...

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हाले-सितम बयान किए और रो पड़े

सिलीगुड़ी [कार्यालय संवाददाता]। बात उन बच्चों की है, जो चाय बागानों से प्रधान नगर स्थित स्कूलों में लाए जा रहे। कई किलोमीटर का सफर और सवारी ट्रैक्टर से लगी डिब्बानुमा जालीदार ट्राली। यानि कि 'जेलगाड़ी'। इस आलम में मासूम बिलबिला रहे। ट्राली के भीतर न बैठने के लिए सीट है, न पकड़ने के लिए हत्था। एक-दूसरे से धक्के खाते बच्चे भीतर गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं। तब तक उनकी हालत मरियल हो चुकी होती है। जाली...

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नशे में उड़ रही है हरित क्रांति की खुशहाली

चंडीगढ़.हरित क्रांति ने पंजाब को खुशहाल किया, लेकिन इस खुशहाली का सबसे बड़ा फायदा नशे के कारोबारियों ने उठाया। नशे की लत अब इस खुशहाली को लील रही है। नशा सेहत के साथ सरहदी जिलों के किसनों की माली हालत भी बिगाड़ रहा है। अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर जैसे सरहदी जिलों में हर महीने आधे परिवार नशे पर 1500 से 3000 रुपए खर्च कर रहे हैं। किसान और मजदूर अपनी सुबह की शुरुआत चूरापोस्त और...

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