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क्या जीएम सोयामील आयात की अनुमति का फैसला देश में जीएम फसलों का रास्ता खोलेगा

-रूरल वॉइस, केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तहत डायरेक्टर जनरल ऑफ फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने 12 लाख टन जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) सोयाबीन से तैयार सोयामील के आयात की अनुमति की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए आयात नीति 2017 के उस प्रावधान में रियायत दी गई है जिसके तहत जीएम सोयामील के आयात के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) की मंजूरी की अनिवार्यता है। इस फैसले के बाद...

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हिमाचल के किसानों को अदानी का झटका, कंपनी ने घटाए सेब के दाम!

-गांव सवेरा, सेब खरीदने वाली अदानी एग्री फ्रेश कंपनी ने सेब किसानों को झटका दिया है. कंपनी ने जो दाम तय किए हैं, उन्हें सुनकर बागवानों में निराशा है. पिछले साल की तुलना में इस बार प्रतिकिलो के हिसाब से 16 रुपये कम दाम तय किए हैं.   एक ओर दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले नौ महीने से तीन नये कृषि कानूनों और कॉर्पोरेट की मनमानी के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं...

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नवउदारवाद और राष्ट्रवाद के बीच में खेती-किसानी का भविष्य

-न्यूजक्लिक, सभी जानते हैं कि तीसरी दुनिया के देशों में मुक्ति का संघर्ष जिस साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद से संचालित था, वह उस पूंजीवादी राष्ट्रवाद से बिल्कुल भिन्न प्रजाति की चीज थी, जिसका जन्म सत्रहवीं सदी में यूरोप में हुआ था। पश्चिम में इस तरह की प्रवृत्ति है, जिसमें प्रगतिशील भी शामिल हैं, जो राष्ट्रवाद को एकसार तथा प्रतिक्रियावादी श्रेणी की तरह देखती है। वे साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद तक को यूरोपिय पूंजीवादी राष्ट्रवाद के...

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कृषि अध्यादेश आने के बाद नई मंडियों के निर्माण पर योगी सरकार ने क्यों लगाई रोक?

-न्यूजलॉन्ड्री, केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान बीते नौ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसान नेताओं और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हुई, लेकिन इसका में कोई हल नहीं निकला. दरअसल सरकार इन कानूनों को किसान हित में बता रही है, वहीं किसान नेता इसे काला कानून बताकर सरकार से वापस...

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बुंदेलखंड: बादल मेहरबान, किसान फिर भी परेशान

-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी जिले के किसान सुबोध यादव पिछले तीन दशक से सफल किसान के रूप में अपनी फसलों से संतोषजनक पैदावार ले रहे थे। लेकिन पिछले पांच सालों में मौसम, खासकर बारिश के बदले मिजाज ने खरीफ की फसलों के उनके हिसाब किताब गड़बड़ा दिया है। इस साल उन्होंने बारिश के पहले अपने नौ बीघा खेत में दस हजार रुपए की लागत से तिल...

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