SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 401

मुद्दे ही प्रतीक बन गए- दीपांकर गुप्ता

चुनावी विमर्शों में 'व्यक्तित्व बनाम मुद्दे' की बहस होती रही है। मगर चुनाव व्यक्तित्व के आधार पर लड़ा जाना चाहिए, या मुद्दों के आधार पर, यह सवाल ज्यों का त्यों बना हुआ है। हमारे देश में व्यक्तित्व आधारित राजनीति नई बात नहीं है। बीच-बीच में ऐसे दौर जरूर आए, जब व्यक्तित्व का जोर कम हुआ, मगर फिर इसने वापसी भी की। पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हों, या इंदिरा गांधी, या...

More »

कैसे खुलते हैं स्कूल, बताए सरकार व सीबीएसइ : कोर्ट

पटना : स्कूल कैसे खुलते हैं? क्या नियम है? स्कूलों में कितना बड़ा कमरा हो? छात्र-शिक्षक का अनुपात क्या होना चाहिये? खेल के मैदान की कितनी लंबाई-चौड़ाई होनी चाहिए? मान्यता का क्या प्रावधान है? राज्य में कितने स्कूल मान्यता प्राप्त हैं? पटना उच्च न्यायालय को केंद्र सरकार, सीबीएसइ व राज्य सरकार ऐसे सभी पहलुओं से अवगत करायेगी. मुकेश रंजन द्वारा दायर लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान कुकुरमुत्ताें की तरह खुल रहे स्कूलों...

More »

सामाजिक योजनाओं के भ्रष्टाचार से बड़ी चुनौती हैं कॉरपोरेट घोटाले : ज्यां

ग्रामीण विकास व ग्रामीण योजनाओं पर प्रसिद्ध अथर्शास्त्री ज्यां द्रेज के नजरिये व सोच को जानना महत्वपूर्ण है. वे इन विषयों का बारीक अध्ययन व विेषण करते हैं. बेल्जियम मूल के ज्यां द्रेज भारत में 1979 से रह रहे हैं. 2002 में उन्होंने भारत की नागरिकता ली. वे देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से भी जुडे रहे हैं. मनरेगा, खाद्य सुरक्षा व निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर उनकी गहरी समझ है. वे...

More »

सामाजिक योजनाओं के भ्रष्टाचार से बड़ी चुनौती हैं कॉरपोरेट घोटाले : ज्यां द्रेज

ग्रामीण विकास व ग्रामीण योजनाओं पर प्रसिद्ध अथर्शास्त्री ज्यां द्रेज के नजरिये व सोच को जानना महत्वपूर्ण है. वे इन विषयों का बारीक अध्ययन व विेषण करते हैं. बेल्जियम मूल के ज्यां द्रेज भारत में 1979 से रह रहे हैं. 2002 में उन्होंने भारत की नागरिकता ली. वे देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से भी जुडे रहे हैं. मनरेगा, खाद्य सुरक्षा व निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर उनकी गहरी समझ है. वे...

More »

अबला से सबला बनीं इंदिरावती अब दूसरों को दिला रहीं हैं न्याय- राहुल सिंह

लातेहार जिले की चंदवा पूर्वी पंचायत के धोबीटोला की रहने वाली इंदिरावती देवी संघर्ष की बदौलत अपने हक को पाने वाली महिला हैं. कभी दबी-कुचली और ससुराल वालों की प्रताड़ना की शिकार यह महिला सार्वजनिक मंचों के माध्यम से महिलाओं के हक की आवाज बुलंद करती हैं. अपने हक को पाने के साथ उन्होंने कई दूसरी महिलाओं को भी उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष किया. एकल नारी सशक्तीकरण संगठन से 2005...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close