कहते हैं कि सब कुछ टूट जाये तो कुछ नहीं होता, लेकिन अगर आपके सपने टूट गये, तो आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है. इसलिए सपने देखना बहुत जरूरी है. अपना देश, अपनी जमीन, अपने लोग, अपनी भाषा, अपना माहौल हमारे जीवन में विशेष महत्त्व रखते हैं. लोग अपने भविष्य को लेकर हसीन सपने बुनते हैं और उनको हासिल करने के लिए कोशिश भी करते हैं. लेकिन, क्या आपने...
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सुलगते दार्जिलिंग की राजनीति-- हरिराम पांडेय
पर्यटन के लिए विख्यात दार्जिलिंग में चार दशक पुराना गोरखा आंदोलन फिर से भड़क उठा है। भाषा के नाम पर एक पखवाड़े से चल रहा यह आंदोलन दबने का नाम नहीं ले रहा। दबाने के सरकारी प्रयास आग में घी का काम कर रहे हैं। इस इलाके की सबसे बड़ी पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेपाली भाषियों के लिए अलग राज्य की मांग कर रही है। इस आंदोलन से उत्तर बंगाल...
More »किसान आंदोलन का हासिल -- योगेन्द्र यादव
महाराष्ट्र के एक गांव में शुरू हुई हड़ताल अब देश भर में किसान विद्रोह का रूप लेती जा रही है. सवाल है कि क्या यह विद्रोह सिर्फ उग्र विरोध बन कर रह जायेगा या फिर खेती-किसानी के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन लायेगा? इस विद्रोह की चिंगारी से सिर्फ बस और ट्रक जलेंगे या कि इस आग में तप कर कुछ नया सृजन होगा? एक बात तो तय है. अहमदनगर जिले के...
More »शौचालय चाहिए तो मायके से पैसे लाओ, उसने शौहर का घर ही छोड़ दिया
भोजराज उच्चसरे/शशिकांत तिवारी, भोपाल। जन्म से ही मूक-बधिर रेहाना ने अपने शौहर का घर महज इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि ससुराल में शौचालय नहीं है। वह शौचालय बनवाने की गुहार लगाती, इशारों की भाषा से अहमियत समझाती रही, लेकिन ससुराल वालों ने उसकी मौन भाषा नहीं समझी। आखिरकार, अजीज आकर उसने पति का घर छोड़ दिया और मायके लौट आई। अशोका गार्डन स्थित सेठी कॉलोनी की रहने वाली युवती रेहाना (23) का...
More »ओझल बनायी जा रही औरतें-- मृणाल पांडे
जैसे-जैसे राजनीति और मीडिया का असर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे यह शक सर उठा रहा है कि राजनेताओं और मीडिया में अहंकार और खुद को भगवान समझने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. हाल में एक अंगरेजी चैनल में एक कार्यक्रम के दौरान सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ता ने तमक कर एंकर को कहा कि वे जानते हैं कि इस चैनल का अपना (राजनीतिक, वैचारिक) एजेंडा है. एंकर ने इस पर उनसे...
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