जनसत्ता 1 नवंबर, 2012: पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त, लोकहित केंद्रित कल्याणकारी प्रशासन के वादों के साथ बारह अक्तूबर 2005 को यूपीए सरकार ने सूचना का अधिकार कानून लागू किया। देश में अपनी तरह का यह पहला कानून था, जिसने लोगों के हाथ में सूचना पाने का अधिकार दिया। इसके पहले 1923 का जो कार्यालय गोपनीयता कानून था वह ब्रिटिश-हितों के लिए बनाया गया था, जिसके अंतर्गत यह प्रावधान था कि जनता को सरकारी...
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आंदोलन से आगे- एन के सिंह
जनसत्ता 29 अक्टुबर, 2012: यह मानना गलत होगा कि अरविंद केजरीवाल ने बिजली के सरकार द्वारा काटे गए कनेक्शन फिर से जोड़ कर जनता को कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बरगलाया है। दरअसल, यह हमला उस मर्मस्थल पर है जिसे हम शासन करने की वैधानिकता कहते हैं। यह आघात एक सड़ी हुई व्यवस्था पर है जिस पर से जनता का विश्वास लगभग उठ चुका है। गांधी ने भी यही किया था। सविनय-अवज्ञा...
More »सिस्टम से हार गई सैटेलाइट शिक्षा- मोहम्मद निजाम
रायपुर. राज्य के सरकारी स्कूलों में सेटेलाइट नेटवर्क की मदद से पढ़ाई करवाने का सरकारी प्लान हवा-हवाई साबित हो रहा है। वाहवाही लूटने और कमीशनबाजी के चक्कर में विभाग के अफसरों ने पिछले पांच सालों के अंदर राज्य की दो सौ से ज्यादा स्कूलों को एजुकेशन सेटेलाइट सिस्टम से जोड़ दिया। पूरे प्लान पर 10...
More »मनरेगा से लेकर 108 एंबुलेंस योजना केंद्र की देन, आबंटित राशि भी नहीं की खर्च
जंजैहली/धर्मशाला. प्रदेश में बाप-बेटे और भाई-भतीजावाद की सरकार से जनता तंग आ गई है। 4 नवंबर को जनता भ्रष्ट सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष वीरभद्र सिंह ने सराज विधानसभा के अंतर्गत जंजैहली और कांगड़ा के जयसिंहपुर में आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के...
More »जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
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