जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 : तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...
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आज खुलेगा देश का पहला महिला बैंक, रांची की अरुणा भी
नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने देश में पूरी तरह से महिलाओं के लिए समर्पित भारतीय महिला बैंक शुरू करने की अनुमति दे दी है, लेकिन साथ ही उसने सरकार को इसकी शाखाएं दिल्ली और मध्य प्रदेश में नहीं खोलने को कहा है. वित्त मंत्रालय को भेजे एक पत्र में आयोग ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंक खोलने संबंधी किसी भी तरह का प्रचार-प्रसार इन राज्यों में न किया...
More »झारखंड को सुराज की दरकार- अश्विनी कुमार
तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया शुरू होने और इससे जुड़े विवाद से नये राज्यों के बनने की नयी संभावनाओं का द्वारा खुला है. झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के गठन के बाद छोटे राज्यों पर फोकस बढा. इन राज्यों के निर्माण के वक्त विकास व गवर्नेस दो मुद्दे बने. झारखंड के साथ बने अन्य दो राज्यों की मांग या निर्माण के पीछे जो भी कारण रहे हों, लेकिन झारखंड के गठन की ऐतिहासिक...
More »रिजर्वबैंक ने ऊंची ब्याज दरों को लिए महंगाई को जिम्मेदार ठहराया
कोलकाता। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज ऊंची ब्याज दरों के दौर के लिए मुद्रास्फीति को जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस तरह के परिदृश्य में नीतिगत दरों में कमी करने के बाद भी बैंक घटी दरों का लाभ उपभोक्ता तक नहीं पहुंचा पाएंगे। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के.सी. चक्रवर्ती ने एमसीसी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यदि हम नीतिगत दरों में...
More »न्याय की नई मरीचिका- विकास नारायण राय
जनसत्ता 7 नवंबर, 2013 : स्त्रियों के उत्पीड़न का एक और क्षेत्र कानून की गिरफ्त में आने को है। पुरुष वर्चस्व के नजरिए से बेहद नाजुक ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्या का मसला फिलहाल उच्चतम न्यायालय के रडार पर है। अगर यौनिक हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न का सर्वाधिक अपमानजनक रूप रही है तो ‘इज्जत’ हत्याएं इसका सर्वाधिक बर्बर रूप होती हैं। इसी तरह, घरेलू हिंसा में स्त्री का दासत्व...
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