जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
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मॉनसून में देरी लेकिन भोजन की कमी नहीं: पवार
केंद्र सरकार ने माना है कि इस साल मानसून में देरी हुई है लेकिन उसका कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि देश के पास पर्याप्त मात्रा में खाद्य भंडार है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि देश में दो जुलाई तक 31 प्रतिशत कम बारिश हुई है. लेकिन उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह अच्छी बारिश होने की संभावना है. इससे जुड़ी...
More »मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।
नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...
More »लाभार्थियों को कम मिल रहा अनाज
फलका (कटिहार), निज संवाददाता : गरीबों के खाद्यान्न की हकमारी करना डीलरों की नियति बन चुकी है। प्रशासन के सख्त निर्देश के बावजूद फलका प्रखंड अंतर्गत रहटा पंचायत में डीलर द्वारा लाभार्थियों को चावल व गेहूं दो-दो किलो कम देने तथा निर्धारित से अधिक कीमत वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। गत सोमवार को खाद्यान्न वितरण के दौरान जब ग्रामीणों द्वारा कम राशन देने का विरोध किया गया तो उल्टे...
More »चुनाव बाद किसानों को मिलेगा व्यापार मंडल का लाभ
पटना : चुनाव के बाद राज्य में व्यापार मंडल सहकारी समितियां पटरी पर होंगी. किसानों को व्यापार मंडल के माध्यम से अपना अनाज बेचने में सुविधा होगी, वहीं आवश्यकतानुसार बंधक व्यापार का भी लाभ मिलेगा. प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल के माध्यम से विकास कार्य भी कराये जा सकेंगे. व्यापार मंडल को हिस्सा पूंजी के अनुरूप सरकारी सहायता और ऋण भी मिलेगा. क्या है व्यापार मंडल व्यापार मंडल सहयोग समितियां प्रखंड स्तर...
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