नई दिल्ली [नीलू रंजन]। संप्रग सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] के तहत काम करने वाले भोले-भाले मजदूरों को शायद अंदेशा भी नहीं होगा, लेकिन यह सच है। उन्हें उनके खून-पसीने की कमाई के तौर पर जो रकम दी जा रही है, उसमें नकली भारतीय नोट भी हो सकते हैं। उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में स्थित इलाहाबाद बैंक की एक शाखा के कैशियर की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि...
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एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ
मुजफ्फरपुर [जाटी]। एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ, खेत पथार डूबी, जानो बची कि ना, भगवाने मालिक बारन। यह दर्द है गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी, भुतही और अधवारा समूह की नदियों के किनारे बसे उन सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीणों का, जिनके बचाव के लिए कभी कुछ नहीं किया गया। इस बार भी वे खुद को लावारिस ही पा रहे हैं। वैशाख में ही जेठ की तपती गरमी के बावजूद लोग संभावित बाढ़...
More »कहीं विलुप्त ना हो जाए आदिवासी संस्कृति
नई दिल्ली। अरविंद जयतिलक संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट आफ द वर्ल्ड्स इंडीजीनस पीपुल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातिया पूरे विश्व में अपनी संपदा, संसाधन और जमीन से वंचित व विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के झारखंड राज्य की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यहा चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारों परिवारों को आज...
More »गेहूं-चावल का भंडार लक्ष्य से दोगुना
नई दिल्ली : देश में गेहूं और चावल का भंडार 1 मार्च को तय लक्ष्य से दोगुने से भी अधिक था। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इससे यह संकेत मिल रहा...
More »बाघों की मौत का वर्ष होगा 2010
समूची दुनियां में भारत की वन्य जीव संपदा से भरपूर सबसे बड़े देश के रूप में गिनती होती है. तमाम प्राकृतिक प्रकोप बाढ़ ओद आपदाओं, अंधांधुध शिकार, कभी जान की सुरक्षा के चलते की जाने वाली हत्याओं ओद कारणों से हुई वन्य जीवों की बेतहाशा मौत के बावजूद यह स्तर आज भी कायम है. राष्ट्रीय पशु बाघ को लें. एक समय देश में बाघों की तादाद करीब चालीस हजार थी. आज सरकार की...
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