चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है. हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...
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चेन्नई बनाम बुंदेलखंड: क्या राजनीतिक ताक़त के आधार पर सहायता मिलेगी?-- सुदीप श्रीवास्तव
आज इस समय पूरा देश और दुनिया भी, टीवी और सोशल मीडिया पर चेन्नई बारिश और बाढ़ की तस्वीरों से पटा पड़ा है। देश का ही एक दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश का बुंदेलखण्ड, लगातार दूसरे साल भयानक सूखे का सामना कर रहा है। सूखा भी इतना भयंकर कि लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं। पर यहां न तो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के दौरे हो रहे हैं और न ही...
More »देश का बदलता मौसमः बाढ़, सूखा और तूफान का कहर
जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित विश्व समुदाय पेरिस में इसका कुछ न कुछ हल ढूंढने में लगा है ताकि पृथ्वी को उसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भारत भी अछूता नहीं है। कभी बेमौसम बारिश, सूखा, तूफान और कभी बाढ़ से देश को दो चार होना पड़ा है। फिलहाल मंगलवार देर रात से हुई बारिश से चेन्नई जलमग्न है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सेना...
More »कैबिनेट का फैसला: सूखाग्रस्त घोषित हुआ पूरा झारखंड
रांची: झारखंड सरकार ने पूरे राज्य को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है़ इसके लिए फसल को हुए नुकसान और अनावृष्टि को आधार बनाया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया़ कैबिनेट ने राज्य में सूखे से संबंधित रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने और केंद्रीय दल से स्थिति का आकलन कराने का अनुरोध करने का फैसला किया है. राज्य सरकार केंद्र से नेशनल...
More »32 गांवों के किसान सोसाइटी में नहीं बेच रहे धान
धमतरी। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के 9 दिन पूरे हो गए, लेकिन डुबान क्षेत्र के 32 गांवों के एक भी किसान ने सोसाइटियों में अपना धान नहीं बेचा है। जिससे खरीदी केन्द्रों में अब तक एक दाना भी धान नहीं पहुंचा है। जब तक डुबान संघर्ष समिति की मांगे पूरी नहीं होती, तब तक धान नहीं बेचने क्षेत्र के किसान एकजुट हैं। मांगे पूरी नहीं होती देख किसान हाइवे...
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