सामान्य रूप से बाहरी चमक-दमक को देखकर कह दिया जाता है कि यह क्षेत्र विकास कर रहा है। मान लीजिए किसी महानगर में बहुत सी झुग्गी-झोपडि़यों बनी हैं और महानगर में कार्य करने वाले गरीब मजदूरों को इन सस्ते आवासों में आश्रय मिला हुआ है, क्योंकि इससे महंगी जगह में रहने के लिए पैसा उनके पास नहीं है। एक दिन उनकी झोपडि़यां तोड़ दी जाती हैं। इस स्थान पर एक...
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हमारा मिड-डे-मील खा जाते हैं शिक्षक
धनबाद। हमारा एमडीएम शिक्षक खा जाते हैं, विद्यालय में नियमित मध्याह्न् भोजन नहीं बनता है। बनता भी है तो, चावल सड़ा होता है। खाना भी मेनू के अनुरूप नहीं बनता है। एमडीएम का बर्तन शिक्षक अपने घर में प्रयोग करते हंै। कुछ इस तरह की शिकायत बालिका प्राथमिक विद्यालय के बच्चे सोमवार को उपायुक्त कार्यालय घेराव के क्रम में की। अभिभावकों व बच्चों का दल ने सोमवार को उपायुक्त कार्यालय का घेराव...
More »सत्ता के गढ़ में सूचना की सेंध : हर्ष मंदर
लगभग दो दशक पहले जब राजस्थान के गांवों में रोजगार और मजदूरी के लिए संघर्ष करने वाले लोगों के बीच सूचना के कानूनी अधिकार के विचार ने आकार ग्रहण करना प्रारंभ किया, तब बहुत कम लोगों ने यह अनुमान लगाया होगा कि यह विचार इस विशाल देश में लोकतंत्र के स्वरूप को बदल देगा और उसकी जड़ों को और मजबूत बना देगा। आधुनिक भारत में राज्यतंत्र का दखल हमारे जीवन के...
More »सरकारी यानी घटिया!- विनोद वर्मा(बीबीसी)
तमिलनाडु के एक पिछड़े ज़िले इरोड के ज़िलाधीश यानी कलेक्टर डॉ आर आनंदकुमार ने अपनी छह साल की बेटी को एक सरकारी स्कूल में भर्ती करवाया है. जब वे इस स्कूल में अपनी बच्ची के दाखिले के लिए पहुँचे तो दूसरे माँ-बाप की तरह कतार में खड़े हुए. दिल्ली के एक अख़बार में इस ख़बर का प्रकाशित होना ही साबित करता है कि यह कुछ असामान्य सी बात है. यक़ीनन ज़िलाधीश को उनके...
More »मिड-डे-मील में डाइट मनी बढ़ी
हमीरपुर। सरकार ने स्कूलों में मिड-डे-मील की डाइट मनी बढ़ा दी है। हालांकि प्रति छात्र 20 और 30 पैसे की ही बढ़ोतरी की गई है, लेकिन डिपो से राशन मिलने के कारण इस राशि का इस्तेमाल बच्चों का पोषण सुधारने के लिए किया जाएगा। इससे स्टूडेंट्स के खाने के मेन्यू में सोयाबीन की न्यूट्री भी शामिल की गई है, जिसे रोज परोसा जाएगा। 7.5 फीसदी की वृद्धि एलीमेंटरी शिक्षा निदेशालय ने...
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